दहेज में अब तक हमलोगों ने फूटी कौड़ी भी कन्हैया से नहीं ली है. हमलोगों को पहले कन्हैया के बारे में पता नहीं था. अगर पता रहता, तो कभी रिश्ता ही नहीं करते. रुदल गांव का बड़ा किसान है. समीर (कन्हैया का होने वाला दामाद)चार भाइयों में तीसरे नंबर पर है. रुदल यादव का बड़ा पुत्र सेना में है, वह अपने परिवार से अलग होकर मनसरपुर सबौर में रह रहा है. बाकी दो पुत्र ट्रैक्टर चलाते हैं. रुदल का सबसे छोटा पुत्र नि:शक्त है और बाहर रह कर पढ़ाई कर रहा है. रुदल को लगभग 40 बीघा जमीन है और उसके पास दो ट्रैक्टर है.
कन्हैया यादव का होनेवाला दामाद समीर पढ़ा लिखा नहीं है और अपना ही ट्रैक्टर चलाता कर रोजगार कर रहा है. कन्हैया की पुत्री का रिश्ता लगानेवाला अगुवा रामंचद्रपुर गांव निवासी प्रकाश यादव का पुत्र दिलीप है. कन्हैया का बड़ा दामाद मिथिलेश और दिलीप रिश्ते में साला-बहनोई है. इनकी पहल पर कन्हैया की छोटी बेटी का रिश्ता रुदल के बेटे से तय हुआ था. रुदल यादव ने बताया कि दहेज में 4.80 लाख रुपये देने की बात हुई थी. हालांकि चर्चा है कि बैंक लुटने के बाद कन्हैया सारा दहेज दे चुका है और सिर्फ शादी की तारीख तय करनी बाकी थी, लेकिन पुलिस ने पूरे मामले का खुलासा कर लिया. यह भी कहा जा रहा है कि समीर का रिश्ता कन्हैया यादव के यहां तय होने से पूर्व एक और जगह तय हुआ था, जिसे रुदल की पत्नी काट चुकी चुकी थी. उसके बाद फिर दिलीप की वजह से समीर की शादी कन्हैया की पुत्री से तय हुई थी.