भागलपुर: शहरी क्षेत्र से बाढ़ का पानी सूखने के बाद अब शिक्षण संस्थानों ने क्षति का आकलन करना शुरू कर दिया है. डीपीएस (दिल्ली पब्लिक स्कूल) में 52 से 55 लाख के फर्नीचर, इलेक्ट्रिक व इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, लकड़ी के फर्श की क्षति हो गयी है. भवन व चहारदीवारी में हुई क्षति का आकलन करने मंगलवार को कोलकाता से इंजीनियर आयेंगे.
इंजीनियरिंग कॉलेज भी बाढ़ की चपेट में था और यहां रखे पांच फोटो कॉपियर मशीन व कई बिजली के मोटर चालू ही नहीं हो पा रहा है. शिक्षकों का कहना है कि प्रत्येक फोटो कॉपियर की कीमत पांच लाख है. यहां लकड़ी के फर्नीचर पर बहुत प्रभाव तो नहीं पड़ा है, लेकिन प्लाइउड के फर्नीचर बरबाद हो चुके हैं. जिले के लगभग 60 प्रारंभिक विद्यालय व पांच हाइस्कूल इस बार बाढ़ की चपेट में थे. कुल मिला कर शिक्षण संस्थानों को बाढ़ से करोड़ों का नुकसान हुआ है.
डीपीएस में शुक्रवार को सफाईकर्मी युद्ध स्तर पर काम कर रहे थे. परिसर की सड़कों पर कीचड़ जमा है. अभी चलने में लोगों को परेशानी हो रही है. इंजीनियरिंग कॉलेज में इलेक्ट्रिकल मशीन लैब, हिट इंजन लैब, कैड लैब, ऑटो कैड लैब, वर्कशॉप, स्वाइल लैब व कंक्रीट लैब में कीचड़ भरा है. इन लैबों की सफाई की जा रही थी. कक्षा संख्या 105, 106, 107 आदि कमरों में कीचड़ भरा है. प्रयोगशाला में रखी मशीनों का स्प्रिंग काम करना बंद कर दिया है. कई मशीनों के अंदर कीचड़ भरा है. मशीन को खोल कर बाहर निकालने में तकनीशियन जुटे थे. परिसर में लगे फूल व कई अन्य पौधे सूख गये हैं.