तभी तो इस भीषण गरमी व ऊमस के बावजूद मौके पर हजारों की भीड़ उमड़ पड़ी थी. चिलचिलाती धूप से बेपरवाह पुल से लेकर सभा स्थल तक लोगों का हुजूम उमड़ा पड़ा था. इसे देख कर पुल का उद्घाटन करने पहुंचे मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी उत्साहित थे.
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि यह पुल केवल नदी के दो किनारों को ही नहीं, लोगों के दिलों को भी जोड़ेगा. पुल बनने से लोगों के मन में तसल्ली है. इससे क्षेत्र में विकास की नयी इबारत लिखी जायेगी. व्यापार को बढ़ावा देने के साथ-साथ क्षेत्र के युवाओं को शिक्षा के भी नये द्वार यह पुल खोलेगा. उन्होंने कहा कि बिहार कभी ज्ञान के शीर्ष पर था. यह ज्ञान की भूमि है. यहां से विक्रमशिला विश्वविद्यालय बहुत ही पास में है. वहां बाहर से भी लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे. हम अपने अतीत को भूलते जा रहे हैं. आज वक्त है अपने इतिहास को याद कर वर्तमान को ठीक करने का. मुख्यमंत्री ने सभी के लिए शिक्षा को आवश्यक बताते हुए कहा कि जो पढ़ेगा, वहीं आगे बढ़ेगा.