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अतिथि की तरह है भूकंप

-पीजी गृह विज्ञान विभाग की ओर से हुआ आख्यान का आयोजनवरीय संवाददाता, भागलपुरतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी होम साइंस विभाग की ओर से सफाली समग्र अंगिका विकास संस्थान के सौजन्य से शनिवार को आख्यान का आयोजन किया गया. भूगर्भ विज्ञान विशेषज्ञ व टीएनबी कॉलेज के भूगोल विभाग के वरीय शिक्षक डॉ उमाशंकर पंडित ने कहा […]

-पीजी गृह विज्ञान विभाग की ओर से हुआ आख्यान का आयोजनवरीय संवाददाता, भागलपुरतिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के पीजी होम साइंस विभाग की ओर से सफाली समग्र अंगिका विकास संस्थान के सौजन्य से शनिवार को आख्यान का आयोजन किया गया. भूगर्भ विज्ञान विशेषज्ञ व टीएनबी कॉलेज के भूगोल विभाग के वरीय शिक्षक डॉ उमाशंकर पंडित ने कहा कि भूकंप अतिथि के समान है. इसकी तिथि व बारंबारता तय नहीं है. हमें सतर्क रहने की जरूरत है. धरती का ऊपरी तल ठोस स्याल है, इसकी मोटाई 15 किलोमीटर है. दूसरा तल अर्धतरल है, जिसे साइमा कहते हैं. इसकी मोटाई महज तीन किलोमिटर है. आखिरी तल दबाव पर ठोस, पर पिघला हुआ है, इसकी मोटाई 2900 किलोमीटर है. सौ फीट की गहराई बढ़ने पर एक डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ जाता है. 2918 किलोमीटर की गहराई पर तापमान छह हजार डिग्री सेल्सियस से अधिक हो जाता है. इसके साथ तरल में पानी घुसने से भाप बनता है, जिससे दबाव बढ़ता है. भाप का निष्कासन समुचित तरीके से नहीं होने पर भालकेनो होने लगता है, जो भूकंप व सुनामी का कारण होता है. पूर्व डीन डॉ उमेश प्रसाद सिंह ने कहा कि भूकंप के संकट क्षेत्र में दरभंगा, भागलपुर, पटना, शाहाबाद, जयपुर व बेंगलुरु है. उन्होंने हादसे से बचने के लिए क्षेत्रवार उपाय केंद्र बनाने की मांग उठायी. डॉ फारुक अली ने कहा कि भागलपुर की मिट्टी और मंदार के समुचित बल से भागलपुर सुरक्षित है. कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ रेणु रानी जायसवाल ने की. मौके पर डॉ सच्चिदानंद पांडेय, डॉ ममता कुमारी, राजेंद्र सिंह, रवींद्र, विनोद आदि मौजूद थे.

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