भागलपुर: बाढ़ का पानी जगह-जगह फैलने व गंगा का जल स्तर बढ़ने, हैंड पंप व अन्य नल कूपों से गंदा पानी निकलने से डायरिया के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज चिकित्सा अस्पताल के शिशु विभाग में डायरिया से पीड़ित 25 बच्चे भरती हुए हैं. वयस्क भी इसके शिकार हो रहे हैं.
प्राइवेट क्लिनिकों में रोजाना 10 से 12 नये मरीज आ रहे हैं. शिशु विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ आरके सिन्हा ने बताया कि इस मौसम में यह बीमारी अधिक होती है. जिन इलाकों में पानी दूषित हो जाता है, वहां से अधिक मरीज आते हैं. वार्ड में नवगछिया, घोघा, पीरपैंती, मुंगेर, संग्रामपुर सहित अन्य इलाके के मरीजों को भरती है. वरीय फिजिशियन चिकित्सक डॉ अजय कुमार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग इस बीमारी से ग्रसित हैं. शहरी क्षेत्रों के वैसे मरीज हैं जहां आसपास गंदगी या जल स्तर ऊपर आ गया है. डायरिया होने पर तुरंत उपचार जरूरी है. इस बीमारी में शरीर का पानी बहुत तेजी से कम होता है.
फैलने लगा डेंगू
वहीं जले में डेंगू ने पांव पसारना शुरू कर दिया है. भागलपुर सहित आसपास के जिलों में बाढ़ के कारण जगह-जगह जल जमाव हो गया है. इससे कई तरह की बीमारी फैलने की आशंका बढ़ गयी है. स्वास्थ्य विभाग ने मच्छरों से होनेवाली बीमारी मलेरिया, डेंगू सहित अन्य बीमारियों के इलाज के लिए अलग से व्यवस्था की है. जेएलएनएमसीएच में फिलहाल डेंगू के सात मरीजों का इलाज चल रहा है. ये सभी मरीज मिर्जाचौकी के हैं. इसके लिए ट्रॉमा वार्ड में डेंगू वार्ड भी बनाया गया है. अधीक्षक डॉ विनोद प्रसाद ने बताया कि डेंगू के मरीजों के इलाज के लिए सारी व्यवस्था कर ली गयी है. प्लेटलेट्स कम होने पर मरीजों को तुरंत प्लेटलेट्स देने की भी व्यवस्था की गयी है. इसके लिए परिजनों को एक डोनर साथ लाना होगा ताकि उनका रक्त लिया जा सके और इसके बदले ब्लड बैंक से प्लेटलेट्स दिया जा सके.