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कुल्लो को थी आशंका, हो सकती है हत्या

भागलपुर : मजदूर नेता कुल्लो यादव को आशंका थी कि उसकी हत्या हो सकती है. उसने बबरगंज और मोजाहिदपुर थाने में इससे संबंधित सनहा भी दर्ज कराया था. सनहा में कुल्लो ने कारू, सुधीर समेत अन्य लोगों पर सुपारी देकर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था. सुधीर चौधरी को गोली मारने के मामले […]

भागलपुर : मजदूर नेता कुल्लो यादव को आशंका थी कि उसकी हत्या हो सकती है. उसने बबरगंज और मोजाहिदपुर थाने में इससे संबंधित सनहा भी दर्ज कराया था. सनहा में कुल्लो ने कारू, सुधीर समेत अन्य लोगों पर सुपारी देकर हत्या की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
सुधीर चौधरी को गोली मारने के मामले में कुल्लो पकड़ा गया था और जेल से निकलने के बाद उसे आभास हो गया था कि सुधीर और उसके सहयोगी बदले अवश्य लेंगे. इस कारण कुल्लो ने पुलिस का सहारा लिया, लेकिन अंतत: कुल्लो की हत्या हो गयी जिसमें सुधीर, कारू समेत अन्य लोगों का नाम आया है.
कुतुबगंज में दो बीघा जमीन का था विवाद. कुल्लो यादव भी जमीन के कारोबार में शामिल था. कारू मोदी से जमीन को लेकर उसका विवाद चल रहा था. कारू और विनोद यादव ने कुतुबगंज में कुछ जमीन खरीदी थी. उस जमीन में रास्ते को लेकर कुछ विवाद है. दोनों में विवाद होने के बाद लोदीपुर थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करायी गयी थी.
बताया जाता है कि कारू मोदी के पक्ष से सुधीर चौधरी और विनोद यादव के पक्ष से कुल्लो यादव भी इस जमीन के विवाद में शामिल था. कारू की जमीन आगे है, जबकि विनोद की पीछे. इस कारण विनोद रास्ते के लिए जमीन छोड़ने की बात कह रहा था. इसी को लेकर विवाद हुआ था. इसके अलावा आम का बगीचा और खेत का भी विवाद बताया जाता है.
पुल के नीचे शौच के लिए बैठे लोगों ने मारी गोली. कुल्लो यादव की हत्या का चश्मदीद उसका भांजा कंचन यादव है. मामा और भांजा हर दिन खेत जाते थे. शुक्रवार की सुबह कंचन पहले ही खेत आ गया और बाद में कुल्लो आया. कंचन जब सतपुलिया पार कर रहा था तो उसने देखा कि शौच के लिए लुंगी और फूलपैंट पहने तीन लोग बैठे हैं.
इसके बाद जब गोली चलने की आवाज सुनाई दी, तो शौच के लिए जो तीन लोग बैठे थे, वही भागते भी नजर आये. जाहिर है शौच के लिए बैठे तीनों अपराधी थे, जो कुल्लो यादव के आने का इंतजार कर रहे थे. जैसे ही कुल्लो रेल लाइन पर आया, अपराधियों ने उस पर गोली चला दी. कंचन ने पुलिस को बताया कि कि भागने वाले तीनों लोग कारू मोदी और उसके परिवार के नहीं थे. इस कारण वह किसी को पहचान नहीं सका.
कारू मोदी के पिता की हत्या में भी आया था नाम. कुल्लो यादव की हत्या का आरोपी कारू मोदी के पिता रामेश्वर मोदी की हत्या में भी कुल्लो यादव का नाम आया था. 20 साल पूर्व रामेश्वर मोदी की पीट-पीट कर हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में कुल्लो पर हत्या का आरोप लगा था.
खुद भी फायरिंग में हुआ था जख्मी. 10 वर्ष पूर्व कुल्लो यादव पर भी हमला हुआ था. अपराधियों ने उसे गोली मार कर जख्मी कर दिया था. गोली कुल्लो की पीठ में लगी थी, इस कारण वह बच गया था. हालांकि गोली मारने वाला आरोपी अब इस दुनिया में नहीं रहा.
गोदाम और मजदूरों के बीच था दबदबा. कुल्लो यादव का बिहार राज्य भंडार निगम के गोदाम और वहां के मजदूरों के बीच काफी दबदबा था. कुल्लो के नेतृत्व में ही वहां के मजदूर काम करते थे. वह मेठ की भूमिका में था. इस कारण सारे मजदूर इससे उपकृत थे.

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