भागलपुर: जले के बंद पड़े डीएमसी को चालू कराएं और टीबी के मरीजों के इलाज के लक्ष्य को पूरा करें. उक्त बातें स्टेट हेल्थ सोसाइटी के अवर सचिव डॉ रमण एवं स्टेट प्रोग्राम अधिकारी ने सीएस से कही. उल्लेखनीय है कि जिले में टीबी के मरीजों को ढ़ूंढ़ने का जो लक्ष्य दिया है उसमें भागलपुर काफी पीछे चल रहा है.
सीएस डॉ यूएस चौधरी ने बताया कि जिले में 28 स्वीकृत बलगम जांच केंद्र (डीएमसी) हैं जिसमें 17 काम कर रहे हैं एवं 11 बंद हैं. एक लाख की आबादी पर एक बलगम जांच केंद्र होने चाहिए. उस हिसाब से जिले में 33 केंद्र होने चाहिए. पांच केंद्रों में सिविल वर्क नहीं है. इनमें ढ़ोलबज्जा, सनोखर, अकबरनगर, इस्माइलपुर, सजौर शामिल हैं.
इसके अलावा छह केंद्रों में लैब टेक्नीशियन का अभाव है. रंगरा, खरीक व बिहपुर में मरीजों का प्रतिशत काफी कम है. ओपीडी में आये मरीजों के अनुपात में दो प्रतिशत ऐसे मरीज होने चाहिए, जिसे सर्दी-खांसी पंद्रह दिनों से है या टीबी की बीमारी से ग्रसित है. ऐसे स्थानों पर जिले के अन्य प्रखंडों के लैब टेक्नीशियनों को पदस्थापित कर चालू करने का निर्देश दिया गया है. इस मौके पर डीएमसी में मौजूद चिकित्सा पदाधिकारी भी मौजूद थे.