भागलपुर: बाढ़ के कारण कार्यालय आने में हो रही समस्या के कारण तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कर्मचारी शनिवार को आक्रोशित हो गये. उन्हें रिक्शावाले को पांच से 10 रुपये तक देकर मेन गेट से कार्यालय आना पड़ा. कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के साथ 20 से 25 कर्मचारी कुलपति से मिले.
यह मांग की कि जब तक बाढ़ का पानी नीचे नहीं उतर जाता तब तक विश्वविद्यालय कार्यालय में छुट्टी दी जाये या फिर छात्र सेवा केंद्र का गेट खोलने का निर्देश दिया जाये. कुलपति डॉ एनके वर्मा ने कर्मचारियों से कहा कि छात्र सेवा केंद्र की तरफ का गेट खोलने से असामाजिक तत्वों का जमावड़ा बढ़ जायेगा. उन्होंने कहा कि दो-चार दिन में पानी नीचे उतर जायेगा, तब तक काम कर लें.
दरअसल मेन गेट की तरफ सड़क पर बाढ़ का पानी भरा हुआ है. इस कारण शनिवार को एक कर्मचारी केंद्रीय पुस्तकालय की ओर से मोटरसाइकिल से आ रहे थे. बीच में टील्हा कोठी व इसके नीचे ठहरे बाढ़ पीड़ितों ने उस कर्मचारी को चेताया कि वे इस रास्ते से विश्वविद्यालय जायें, इससे उन्हें एतराज नहीं, लेकिन किसी को धक्का लगा तो 10 हजार रुपये देना होगा. कर्मचारी ने जैसे ही यह घटना विश्वविद्यालय के कर्मियों को सुनायी, तो सारे कर्मचारी आग बबूला हो गये. कुलपति से मिलने वालों में कर्मचारी संघ के संरक्षक डॉ एएन शाही, अध्यक्ष डॉ मथुरा दुबे, सचिव बलराम सिंह, सुदीन राम, एसएम जियाउद्दीन आदि शामिल थे.