भागलपुर: घाघरा डैम (बनारस) एवं गंडक नदी (नेपाल से मुजफ्फरपुर होकर खगड़िया के पास निकलने वाली नदी) में पानी छोड़े जाने के कारण गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से 66 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगा है. इसकी वजह से स्थिति पहले से अधिक विकराल हो गयी है. ऊफनाई नदी के पानी ने न केवल एनएच-80 को सबौर से घोषपुर तक डुबोया है, बल्कि खानकित्ता के पास करीब 15 फीट तक सड़क भी कट गयी है.
पुलिस बल की तैनाती नहीं होने से कई वाहन बैरियर रहने के बावजूद दूसरी ओर जा रहे हैं. हालात ऐसे ही रहे, तो किसी बड़ी घटना से इनकार नहीं किया जा सकता. शुक्रवार सुबह एक ट्रक बैरियर तोड़ते हुए आगे तो बढ़ा, पर खानकित्ता के पास पलट गया. सबौर की बीडीओ मौके पर पहुंची तो जरूर, पर उन्होंने पुन : बैरियर लगवाने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया.
पैदल यात्री भी खतरनाक स्थिति में सड़क पार कर रहे हैं. इंजीनियरिंग कॉलेज (बाबूपुर) से लेकर लैलख तक लगभग हर घर बाढ़ के पानी में डूबा हुआ है. दो मंजिले मकान भी अब दिखाई नहीं देने लगे हैं. जियाउद्दीन चौका, नवटोलिया चौक, संतनगर, रजंदीपुर, घोषपुर, फरका, इंगलिश, खानकित्ता, शंकरपुर, मसाढ़ू, ममलखा आदि गांव में अधिकांश बाढ़ पीड़ितों का झोपड़ीनुमा घर भी बह गया है.