अकबरनगर: पिता और पति के गांजा तस्करी का विरोध करते-करते जूली और उसकी मां 26 अगस्त को अंतत: मौत की नींद सो गयी, या सुला दी गयी. मां-बेटी पिता व पति बैजनाथ मंडल के इस गलत धंधे का विरोध पिछले दो वर्षो से कर रही थी. क्योंकि पिता के अवैध धंधे के कारण उसके घर अक्सर आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों का आना-जाना लगा रहता था. तंग आ कर मां-बेटी ने पूर्व में भी आत्महत्या करने की धमकी दी थी, जिसका कोई असर न हुआ. तंग आकर मां-बेटी ने आग लगा कर खुदकुशी कर ली. मां-बेटी की हत्या हुई या आत्महत्या, यह ते पूरी जांच पड़ताल के बाद ही सामने आयेगा.
फिलहाल परिजन के साथ पड़ोसी भी इस मामले में कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं. बुधवार को एएसपी मो फरोगउद्दीन व थानाध्यक्ष प्रमोद कुमार ने अकबरनगर बाजार स्थित बैजनाथ मंडल के घर पहुंच कर मामले की तहकीकात की. लेकिन, पड़ोसियों से कुछ भी जानकारी नहीं मिल पायी. मृतका के घर में ताला लटका देख, पुलिस बैरंग वापस लौट गयी. सूत्रों के मुताबिक आग में झुलसने से जूली की मौत मौके पर हो गयी थी, जबकि उसकी मां पूरी तरह झुलस गयी थी. बताया जाता है कि जूली की मां को अस्पताल ले जाने के बजाय गंगा में जूली के शव के साथ फेंक दिया गया.
आग लगाने के बाद युवती की मां चार घंटा तक इलाज के तड़पती रही. घटना की जानकारी पुलिस को भी नहीं दी गयी. सूत्रों के अनुसार सच्चई छुपाने के लिए मां-बेटी का शव एक साथ गंगा में फेंक दिया गया है. जूली का पिता घर से फरार है. पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है. घटना के बाद अकबरनगर बाजार में लोगों के बीच तरह-तरह की चर्चा हो रही है. पुलिस ने आसपास के लोगों से भी पूछताछ की है.
एकलौती बेटी थी जूली
जूली को कोई भाई नहीं था. पिता की वह एकमात्र संतान थी. पड़ोसी का कहना है कि जूली पिता का गलत कारोबार देख सभी संपत्ति अपने नाम करने को कह रही थी. कुछ लोगों का कहना है कि युवती का प्रेम-प्रसंग किसी के साथ चल रहा था. इसी कारण पिता ने संपत्ति उसके नाम करने से इनकार कर दिया था. इसी कारण युवती ने आग लगा कर आत्महत्या कर ली. बहरहाल मामले को लेकर पुलिस छानबीन में जुटी है. पुलिस का कहना है कि शीघ्र ही घटना की परदाफाश कर दिया जायेगा.