भागलपुर: शहर के लोगों के स्वास्थ्य की रक्षा करने वाले डॉक्टरों के क्लिनिकों के आगे कचरा का अंबार लगा हुआ है. उस कचरे में सबसे अधिक कचरा मेडिकल वेस्ट है. कचरा इतना अधिक है कि तिलकामांझी हटिया एरिया के एक सड़क के आधे भाग में कचरा पसरा हुआ है. इस सड़क पर सालों भर कचरा लगा रहता है. मार्ग में चलने वाले लोगों को कचरे से निकलने वाली दुर्गध से लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है. नगर निगम द्वारा भी इस कचरा को नहीं उठाया जा रहा है, जबकि निगम की ओर से शहर के सभी चौक-चौराहों व सड़क के किनारे रखे जाने वाले कूड़ों को साफ करने की बात कहीं जाती है. इस मार्ग के आसपास के क्लिनिकों से सबसे ज्यादा कचरा गिराया जाता है. जो लोग इन कचरे को गिराते है उन्हें चाहिए कि वो निगम को कूड़े हटाने की जानकारी दे दें. अब यह देखना है कि निगम द्वारा इस कूड़ों को कब तक उठाता है. क्लिनिकों द्वारा सड़क पर मेडिकल वेस्ट कूड़ों को कब तक गिराया जा रहा है.
डिप्टी मेयर प्रीति शेखर ने बताया कि अगर क्लीनिक वाले मेडिकल वेस्ट सड़क के किनारे गिरा रहे हैं, तो उनका दायित्व है कि वह ही उसका निस्तरण भी करें. तिलकामांझी आये मोना ने बताया कि हर दिन हम इस रास्ते से आते हैं, व कचरे को देखते है. हमेशा इस सड़क के किनारे कूड़ा कचरा फैला रहता है. डॉक्टर को दिखाने आये एक युवक चिंपू ने बताया कि नगर निगम को हमेशा इस जगह के कूड़ा को साफ करना चाहिए. युवक ने बताया कि जो लोग कूड़ा फेंक रहे हैं,उन्हें कूड़ा का निस्तरण करना चाहिए.
एम्स में सजर्री विभाग के डॉक्टर पंकज कुमार ने बताया कि मेडिकल प्रयोग के बाद उस कचरे को खुले स्थान में फेंकना नहीं चाहिए, उसका तुरंत निस्तरण कर देना चाहिए. उन्होंने बताया कि इस कचरे से संक्रमण का खतरा बना रहता है. डॉ पंकज ने बताया कि कचरा में पड़ी सूई अगर किसी के पैर में चूभ जाये तो हेपेटाइटिस बी की खतरा बना रहता है, इसलिए मेडिकल कचरे को अलग-अलग कर उसका निस्तरण कर देना चाहिए.