कोर्ट ने 31 मार्च को अपहरण कांड में तीन अभियुक्तों के खिलाफ आरोप तय कर दिये. इस मामले में दो और सत्र वाद में सुनवाई चलायी जा रही है. मामले में सरकार की ओर से लोक अभियोजक सत्य नारायण शाह व अपर लोक अभियोजक जयप्रकाश यादव ने पैरवी की. 27 अक्तूबर 2012 को सुलतानगंज के चर्चित दवा व्यवसायी चेतन शंकर राजहंस रात नौ बजे के करीब अपनी दवा दुकान से वापस घर लौट रहे थे. जब वह कृष्णगढ़ चौक के बरगद पेड़ के समीप पहुंचे, तभी पीछे से सफेद बोलेरो गाड़ी उनके पास आयी.
गाड़ी में से अज्ञात युवक उतर कर उन्हें जबरन गाड़ी में खींच लिया और गाड़ी को झारखंड की ओर ले गये. इस बीच दवा व्यवसायी के अपहरण होने की सूचना पुलिस को मिल गयी. झारखंड की सीमा पर ही पुलिस मुठभेड़ में चेतन शंकर राजहंस को छोड़ अपहरणकर्ता भाग खड़े हुए. सुलतानगंज थाना पुलिस ने कांड संख्या 206/12 के तहत चेतन शंकर राजहंस के भाई जीवन राजहंस की शिकायत पर मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी. पुलिस ने अपहरण कांड के मामले में कार्रवाई करते हुए मोबाइल लोकेशन के आधार पर सबसे पहले गाड़ी के चालक अरविंद यादव को पकड़ा. उसके पास चेतन शंकर राजहंस का मोबाइल था. पुलिस ने अरविंद यादव से पूछताछ के बाद अन्य आरोपियों डबलू मंडल तथा दीपक मंडल को गिरफ्तार किया. तीनों ही आरोपियों पर जिला अदालत में सत्र वाद संख्या 851/13 व 1158/13 के तहत सुनवाई शुरू हुई. अदालती जिरह के बाद बुधवार को तृतीय अपर सत्र न्यायाधीश जनार्दन त्रिपाठी ने तीनों ही अभियुक्तों पर आरोप तय कर दिये. इस मामले में अन्य सत्र वाद संख्या 644/14 में बबलू मंडल व एक अन्य की सुनवाई चल रही है.