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गंभीर हुई बाढ़ की स्थिति

गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है. इस कारण जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग का मानना है कि गंगा का जल स्तर पांच से सात सेंटीमीटर बढ़ने की संभावना है. इलाहाबाद से छोड़ा गया पानी भागलपुर पहुंचने के साथ […]

गंगा नदी के जलस्तर में वृद्धि जारी है. इस कारण जिले में बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गयी है. जल संसाधन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय जल आयोग का मानना है कि गंगा का जल स्तर पांच से सात सेंटीमीटर बढ़ने की संभावना है.

इलाहाबाद से छोड़ा गया पानी भागलपुर पहुंचने के साथ गंगा ऊफनाने लगी है और सात सेंटीमीटर जल स्तर बढ़ा, तो पिछले 10 सालों का रिकॉर्ड टूटेगा. डीपीएस स्कूल होकर जियाउद्दीन चौका जाने वाला मार्ग गंगा के पानी में डूब गया. देर रात अधिकारियों ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का जायजा लिया.

भागलपुर : वर्ष 2003 में अधिकतम जल स्तर 34.3 मीटर रिकॉर्ड दर्ज किया गया था, जो वर्षो का सर्वाधिक जल स्तर का रिकॉर्ड बना था. रविवार शाम छह बजे 33.96 मीटर दर्ज किया गया है. गंगा का जल स्तर खतरे के निशान से 28 सेंटीमीटर ऊपर बह रहा है. खतरे का निशान 33.68 निर्धारित है.

रविवार को ही 12 घंटे में पांच सेंटीमीटर जल स्तर में बढ़त हुई है. उन्होंने बताया कि और दो दिनों के बाद गंगा का जल स्तर घटने की संभावना है. खानकित्ता से ममलखा तक जलमगA : सबौर प्रखंड के खानकित्ता से ममलखा गांव तक जलमगA है. पानी के बढ़ने की तेज रफ्तार के कारण जो घरों के ऊपर फंसे हैं, वह एनएच-80 पर आने की तैयारी करने लगे हैं.

बाढ़ के कारण फरका, इंगलिश, मसाढ़ू गांव के हर घर में पानी प्रवेश कर चुका है. गांव जाने वाले मार्ग भी डूब चुके हैं. बाढ़ के कारण स्कूलों में अनिश्चितकालीन छुट्टी दे दी गयी है. सुरक्षा के दृष्टिकोण से लोग अपने घरों के समानों को ढ़ोने लगे हैं.

जियाउद्दीन चौका मार्ग डूबा : डीपीएस स्कूल होकर जियाउद्दीन चौका जाने वाला मार्ग गंगा के पानी में डूब गया. मार्ग पर करीब दो फीट पानी का बहाव है. बढ़ते जल स्तर के कारण ग्रामीण भयभीत है और जिस ग्रामीण का घर बाढ़ में डूब चुका है, वह ऊंचे स्थानों पर चले गये हैं. जिसका घर अबतक नहीं डूबा है, वह ऊंचे स्थानों पर जाने की तैयारी में हैं.

भागलपुरकहलगांव रेल खंड पर बाढ़ का खतरा: भागलपुरकहलगांव रेलखंड पर गंगा नदी के जल स्तर बढ़ने से खतरा बढ़ गया है. पटरी को बाढ़ के पानी से कोई क्षति हो इसके लिए दिनरात को गश्ती की जा रही है. रेलवे के अधिकारी इस रेल खंड पर नजर रखे हुए है.

पीडब्ल्यूआइ आरके सिंह ने बताया कि गंगा के एक बार फिर जल स्तर बढ़ने से विभाग सतर्क है. उन्होंने बताया कि विभाग इस रेलखंड पर सुबह आठ बजे से रात 12 बजे तक रात 12 बजे से सुबह आठ बजे तक गश्ती करा रहे हैं. उन्होंने बताया कि गंगा के जल स्तर बढ़ने से उतना खतरा नहीं है, जितना चांदन डैम के खुलने वाले पानी से होता है.

कमरे में घुस जाते हैं सांप

भागलपुर : बाढ़ का पानी पीजी गल्र्स हॉस्टल में घुसने से यहां की छात्राओं को काफी परेशानी हो रही है. शाम ढलते ही छात्रावास की लड़कियां अपने कमरों में सिमट जाती हैं. छात्राओं में सांप और बिच्छू का डर बना है.

कई बार सांप कमरे में प्रवेश कर चुका है. छात्राओं का कहना कमरे में रहना दूभर हो गया है. बाढ़ के पानी के दरुगध से कई छात्राएं बीमार होकर घर जा चुकी हैं. सबसे अधिक परेशानी हॉस्टल वन थ्री की छात्राओं को हो रही है. पानी के कारण बाहर निकलने का रास्ता बंद है. उन्हें काफी घूम कर बाहर जाना पड़ता है.

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