भागलपुर: ईश्वर ना करे कि शहर में कोई बड़ा हादसा हो और अस्पताल में मरीजों की भीड़ लगे. क्योंकि जेएलएनएमसीएच स्थित ब्लड बैंक में पिछले कई दिनों से रक्त की किल्लत चल रही है. फिलहाल ब्लड बैंक में मात्र 38 यूनिट रक्त बचा है.
जिसमें एबी पॉजिटिव एवं बी निगेटिव ग्रुप का रक्त बिल्कुलनहीं है.कर्मचारियों की परेशानी यह है कि परिजन रक्त के लिए परेशान करते हैं. रक्त नहीं देने पर वे हंगामा करने पर उतारू हो जाते हैं. हाल के दिनों में लगातार सड़क दुर्घटना सहित अन्य घटनाओं के बाद आये मरीजों को अस्पताल प्रबंधन ने फ्री रक्त करने का निर्देश दे दिया था. इसके बाद मरीजों को बिना डोनेट किये ही रक्त बैंक से रक्त दिया गया. हाल के दिनों में रक्तदान के लिए कोई बड़ा कैंप भी नहीं लगने से रक्त की किल्लत हुई है.
अप्रैल में एक कैंप भी लगा था तो बहुत कम लोगों ने रक्तदान किया था. ब्लड बैंक के नियम के अनुसार अगर 100 यूनिट रक्त बच जाये तो वहां फ्री रक्त देने नहीं देने का नियम है, पर यहां रक्त के लिए पैरवी करने वालों की संख्या अधिक है. ऐसे में अस्पताल अधीक्षक सहित अन्य जनप्रतिनिधियों के कहने पर ब्लड बैंक से रक्त फ्री कर दिया जाता है. इसके अलावा कई मरीजों के परिजन जो आसानी से रक्त दे सकते हैं पर वे किसी न किसी से पैरवी करा कर रक्त फ्री करा लेते हैं. कई मरीजों के परिजन तो रक्त देने के नाम पर अस्पताल छोड़ भाग खड़े होते हैं.
इस संबंध में ब्लड बैंक प्रभारी डॉ रेखा झा का कहना है कि कैंप नहीं होने और फ्री रक्त देने के कारण यह परेशानी है. अगर कोई बड़ा कैंप स्वयं सेवी संगठनों द्वारा आयोजित करा दिया जाये तो यह परेशानी फिलहाल समाप्त हो जायेगी.