भागलपुर: हरियाली तीज की खुशियां और सास-बहू के प्यार के झूले झुला कर मारवाड़ी समाज की महिलाओं ने शुक्रवार को हरियाली तीज मनाया. नव विवाहिता इसे अपने पीहर में ही मनाती हैं. जो पीहर नहीं जा पायी, वह ससुराल में ही यह पर्व मनाया.
सास अपनी बहू के मायके बायना लेकर गयी, जिसमें कपड़े, गहने और मिठाई आदि थे. घर में ही तालाब खुदवा कर या किसी पास के तालाब में जाकर एक जगह एकत्रित होकर महिलाओं ने तालाब की पूजा की. पूजा के बाद बहू बायना निकाल कर अपनी सास को देकर आशीर्वाद लिया. जिसकी बहू दूर थी उसे भी बायना भिजवाया गया.
बायना में मेंहदी का खासतौर पर महत्व है. सुहागन महिलाएं और कुंवारी लड़कियां दोनों अपने हाथों में एक दिन पहले ही मेंहदी लगवाया. ऐसा माना जाता है कि मेहंदी की लाली जितनी गहरी होती है पति का प्यार उतना गहरा होता है. पूजा के बाद कुछ सुहागन महिलाओं को जिमाया (खिलाया) गया.