इसके बाद आसपास से ग्रामीण ऋषि कुमार, भिखारी मंडल, प्रहलाद कुमार आदि मौके पर आये. तभी पीछे से आ रही पप्पू मंडल की बहन चंदा कुमारी भी आ गयी. उसने इसकी सूचना परिजनों को दी. सन्हौला थाना पुलिस ने कांड संख्या 59/94 के तहत बहन चंदा के बयान पर ही आरोपी हरेराम मंडल, टुढड़ा मंडल व अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था.
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पप्पू हत्याकांड में दो को उम्रकैद
भागलपुर: षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश शिव कुमार शुक्ला ने पप्पू मंडल की हत्या के मामले में मंगलवार को दो आरोपियों टुढड़ा मंडल व हरेराम मंडल को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. सन्हौला के डोभी गांव में गैंगवार के तहत सरेआम पप्पू मंडल की हत्या कर दी गयी थी. मामले में सरकार की ओर से अपर […]
भागलपुर: षष्टम अपर सत्र न्यायाधीश शिव कुमार शुक्ला ने पप्पू मंडल की हत्या के मामले में मंगलवार को दो आरोपियों टुढड़ा मंडल व हरेराम मंडल को आजीवन कारावास की सजा सुनायी. सन्हौला के डोभी गांव में गैंगवार के तहत सरेआम पप्पू मंडल की हत्या कर दी गयी थी. मामले में सरकार की ओर से अपर लोक अभियोजक अमरनाथ चौरसिया तथा सूचक के अधिवक्ता सुदामा मोदी तथा बचाव पक्ष से अधिवक्ता कामेश्वर पांडे ने बहस की. इसके बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों के खिलाफ सजा के अलावा पांच हजार रुपया अर्थदंड का आदेश दिया.
घात लगा किया था हमला : तीन जुलाई 1994 की शाम चार बजे डोभी निवासी पप्पू मंडल अपनी बहन चंदा कुमारी(11) व चचेरी बहन विनिता कुमारी(9) के साथ बहियार में घास लेने गया था. घास लेकर लौटने के दौरान जब पप्पू मंडल चमन लाल ठाकुर के बथान के समीप पहुंचा, तभी सामने से रुदो मंडल व उसके बेटे हरेराम मंडल, टुढड़ा मंडल, सुधड़ा मंडल पुत्र रतन मंडल, भुटको मंडल ने घेर लिया. सभी हथियारों से लैस थे. उन लोगों को देख कर पप्पू मंडल भागने लगा. आरोपियों ने पप्पू मंडल का पीछा किया और हरेराम मंडल ने पिस्तौल से फायर झोंक दी. गोली लगते ही पप्पू मंडल घायल होकर वहीं गिर पड़ा. इसके बाद टुढड़ा मंडल ने पप्पू मंडल पर गोली चला दी, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गयी. घटना के दौरान भुटको मंडल, घुटना मंडल आदि हथियार लेकर आसपास के लोगों को कुछ नहीं बोलने की धमकी दे रहे थे.
गैंगवार की थी आशंका : जिस समय पप्पू मंडल की हत्या हुई थी, उस समय इस घटना को गैंगवार की संज्ञा दी गयी थी. मामले के अनुसार वर्ष 1992 में सन्हौला में दो चर्चित गुट सुमन सिंह व दुष्यंत सिंह का था. दोनों ही गुट अपने दबदबे को कायम रखने के लिए समय-समय पर आपस में भिड़ते रहते थे. इसी दौरान टुढड़ा मंडल व हरेराम मंडल के किसी परिजन की गोली मार कर हत्या कर दी गयी थी. इस कांड में उसके परिजन किसी वजह से पप्पू मंडल को दोषी मान रहे थे. जिसकी वजह से उन्होंने पप्पू मंडल को मारने की योजना बनायी थी.
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