– जेएलएनएमसीएच में मौजूद शव वाहन की परिजनों को नहीं मिलती है सुविधा – परिजनों को 1099 के चालक करते हैं परेशान, फायदा उठा रहे प्राइवेट एंबुलेंस चालकवरीय संवाददाता, भागलपुरजवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज की मौत के बाद शव को घर तक पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से दो-दो शव वाहन की व्यवस्था की गयी है, लेकिन इसकी सुविधा पैरवी वालों को ही मिलती है. मंगलवार की शाम ऐसा ही एक मामला सामने आया. जेएलएनएमसीएच में शव लेकर परिजन भटकते रहे पर उन्हें शव वाहन की सुविधा नहीं मिल सकी. लखीसराय के सेट्री कोड़ा को परिजनों ने तबीयत खराब होने पर सोमवार को जेएलएनएमसीएच में भरती कराया था पर इलाज के दौरान मंगलवार की शाम उसकी मौत हो गयी. मरीज की मौत के बाद परिजनों ने शव को एंबुलेंस से घर ले जाने के लिए 1099 पर कॉल किया, तो स्थानीय चालक का मोबाइल नंबर दिया गया. जब चालक से बात की गयी तो उसने बताया कि बीपीएल कार्ड अगर है तो जमा करें. इसके लिए पांच सौ रुपये देने होंगे और कार्ड नहीं है तो तीन हजार रुपये देने होंगे. इसी बात को लेकर शाम चार बजे एंबुलेंस चालक व परिजनों के बीच काफी देर तक तू-तू मैं-मैं होती रही, लेकिन एंबुलेंस चालक जाने को तैयार नहीं हुआ. इधर हंगामा होता देख प्राइवेट एंबुलेंस चालक अस्पताल में जुट गये और इसका लाभ उठा कर 2600 रुपये में सौदा तय कर लिया. आखिरकार प्राइवेट एंबुलेंस से ही उसे लखीसराय ले जाया गया. परिजनों का कहना है कि मरीज को ठंड लगी थी और ब्रेन हेमरेज कर गया. वहीं 1099 एंबुलेंस से इस पूरे मामले पर जानकारी लेने के लिए कॉल किया गया तो संपर्क नहीं हो सका.
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शव लेकर भटकते रहे परिजन, नहीं मिला शव वाहन
– जेएलएनएमसीएच में मौजूद शव वाहन की परिजनों को नहीं मिलती है सुविधा – परिजनों को 1099 के चालक करते हैं परेशान, फायदा उठा रहे प्राइवेट एंबुलेंस चालकवरीय संवाददाता, भागलपुरजवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में मरीज की मौत के बाद शव को घर तक पहुंचाने के लिए अस्पताल प्रबंधन की ओर से दो-दो शव […]
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