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प्रारंभिक व माध्यमिक स्कूल: निर्देश पर निर्देश जारी, अनुपालन नहीं

भागलपुर: प्रारंभिक व माध्यमिक स्कूलों में ढेर सारे निर्देश जारी किये जाते हैं. कई घोषणाएं होती हैं. कई कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये जाते हैं. लेकिन अनुपालन में स्कूल के साथ-साथ शिक्षा विभाग भी फिसड्डी साबित होता है. कई ऐसी योजनाएं हैं, जो छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए होते हैं. लेकिन वह धरातल […]

भागलपुर: प्रारंभिक व माध्यमिक स्कूलों में ढेर सारे निर्देश जारी किये जाते हैं. कई घोषणाएं होती हैं. कई कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये जाते हैं. लेकिन अनुपालन में स्कूल के साथ-साथ शिक्षा विभाग भी फिसड्डी साबित होता है. कई ऐसी योजनाएं हैं, जो छात्र-छात्राओं के बेहतर भविष्य के लिए होते हैं. लेकिन वह धरातल पर या तो पूरी तरह नहीं उतर नहीं पाते या फिर उतरते ही नहीं.
22 सितंबर को परीक्षा हुई, पर छात्रों को कुछ मिला नहीं : सरकारी विद्यालयों में शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए प्रयासरत बिहार शिक्षा परियोजना निदेशक ने उनके शिक्षा स्तर का मूल्यांकन कराने का निर्णय लिया था. इसे लेकर 22 सितंबर को परीक्षा का आयोजन किया गया था. इसमें जिले के सरकारी विद्यालयों के कक्षा तीन, पांच व सात के लगभग 70 हजार विद्यार्थियों ने भाग लिया था. इस परीक्षा से पहले ढेर सारे प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किये गये थे. लेकिन परीक्षा में भागलपुर के बच्चे की क्या उपलब्धि रही, इसकी जानकारी न तो बच्चों को दी गयी है और न ही उनके अभिभावकों को.
हाइस्कूलों में नहीं लगी अतिरिक्त कक्षा : जिले के हाइस्कूलों के कमजोर बच्चों को बेहतर शैक्षणिक स्तर पर पहुंचाने का राज्य सरकार ने वर्ष 2014 में पहली बार निर्णय लिया था. इसके लिए नौवीं कक्षा के वैसे बच्चों को चिह्न्ति किया जाना था, जो अन्य मेधावी बच्चों की तुलना में कमजोर हैं. उनके लिए अतिरिक्त कक्षा का संचालन करने का निर्देश था. शिक्षा विभाग का यह मानना था कि नौवीं कक्षा में 20 फीसदी बच्चे मेधावी बच्चों की तुलना में कमजोर हैं. भागलपुर में बच्चों की यह संख्या 6589 है. इन बच्चों के लिए अब तक रेमेडियल क्लास का आयोजन नहीं हुआ. इसके लिए प्रत्येक बच्चे के ऊपर 500 रुपये खर्च किया जाना था और वित्तीय वर्ष 2014-15 के बजट में रेमेडियल क्लास पर आनेवाला खर्च शामिल है. बजट अनुमोदित हो चुका है.
हाइस्कूल में नहीं हुआ सेल्फ डिफेंस कार्यक्रम : हाइस्कूल में पहली बार सेल्फ डिफेंस (आत्मरक्षा) का प्रशिक्षण आयोजित करने का निर्णय लिया गया था. इसके लिए 32 लड़कियों को चिह्न्ति करना था. लड़कियों को मार्शल आर्ट के प्रशिक्षक द्वारा प्रशिक्षित किया जाता. सेल्फ डिफेंस ट्रेनिंग पर आनेवाला खर्च भी बजट में अनुमोदित है.

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