पांच प्रतिशत दलालों के बीच बांटा जाता है. इस वसूली में कोतवाली पुलिस को हाथ-पैर गंदे करने की जरूरत नहीं पड़ती है. हर दिन वसूली की राशि थाने में पहुंच जाती है. पीड़ित चाट दुकानदार मुन्ना ने बताया कि संजय और गणोश रोजाना उसके पास पैसे लेने आते हैं, जो कोतवाली थाने के नाम पर पैसे ले जाते हैं. कोतवाली थाना क्षेत्र में ऐसे अस्थायी, फुटपाथी दुकान की संख्या करीब 500 के आसपास है. अगर एक दुकानदार से 25 रुपये रोज के हिसाब से वसूली होती है तो महीने में कोतवाली पुलिस को पौने चार लाख के आसपास अवैध आमदनी होती है.
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थाने के दलाल रोजाना वसूलते हैं पैसे
भागलपुर: कोतवाली थाना क्षेत्र के हर फुटपाथी दुकानदार, सड़क किनारे लगने वाले ठेला, अस्थायी दुकानदारों से थाने के दलाल रोजाना वसूली करते हैं. एक दुकानदार से 25 से 50 रुपये तक की वसूली रोजाना होती है. इसके लिए कोतवाली थाने के दो दलाल संजय और गणोश अधिकृत हैं. रोजाना वसूली का 95 प्रतिशत हिस्सा कोतवाली […]
भागलपुर: कोतवाली थाना क्षेत्र के हर फुटपाथी दुकानदार, सड़क किनारे लगने वाले ठेला, अस्थायी दुकानदारों से थाने के दलाल रोजाना वसूली करते हैं. एक दुकानदार से 25 से 50 रुपये तक की वसूली रोजाना होती है. इसके लिए कोतवाली थाने के दो दलाल संजय और गणोश अधिकृत हैं. रोजाना वसूली का 95 प्रतिशत हिस्सा कोतवाली पुलिस को जाता है.
ठेला हटाने गये तो चाकू से किया हमला : इंस्पेक्टर
इंस्पेक्टर आरपी वर्मा ने बताया कि मुन्ना के ठेला के कारण अक्सर शाम में खलीफाबाग चौक पर जाम लगता है. इसलिए ठेला को सड़क किनारे से हटा रहे थे. इस दौरान दुकानदार मुन्ना और उसके दोनों बेटों ने अचानक चाकू से हमला बोल दिया. किसी तरह बचे तो दोबारा चाकू चला दिया. हमला में मैं बाल-बाल बच गया. इंस्पेक्टर ने कहा कि पैसे मांगने की बात बिल्कुल गलत है. उलटे दुकानदार ने पुलिस के काम में बाधा उत्पन्न किया. दुकानदार और उसके परिजनों ने खुद ही ठेला उलट दिया और दुकान का सारा सामान सड़क पर फेंक दिया. पुलिस ने दुकानदार और सामान को हाथ तक नहीं लगाया है.
पांच हजार मांग रहे थे इंस्पेक्टर : मुन्ना साह
चाट विक्रेता मुन्ना ने बताया कि दुर्गा पूजा के बाद से ही कोतवाली इंस्पेक्टर ठेला लगाने के एवज में पैसे की मांग कर रहे थे. रोजाना वह 25 रुपये थाना के दलाल को दे रहा था. लेकिन इंस्पेक्टर पांच हजार रुपये महीना मांग रहे थे. पैसे नहीं देने पर पिछले दस दिनों से दुकान हटाने को बोल रहे थे. तीन दिन पूर्व दुकान पर आकर मेरे दोनों पुत्र राजा और सोनू के साथ उन्होंने मारपीट भी की थी. मंगलवार को भी इंस्पेक्टर दुकान पर पहुंचे और बिना कुछ कहे-सुने मारपीट शुरू कर दिया. विरोध किया तो इंस्पेक्टर ने चाकू से हमला करने का आरोप लगा दिया. उसने बताया कि पैसे नहीं मिलने पर इंस्पेक्टर उसे जानबूझ कर टारगेट कर रहे हैं.
इंस्पेक्टर साहब! सिर्फ मुन्ना का ठेला ही टारगेट क्यों?
भागलपुर: चाट दुकानदार मुन्ना साह का ठेला हटाने में कोतवाली पुलिस बेनकाब हो गयी है. अवैध फुटपाथी दुकान, ठेला दुकान के कारण सर्वाधिक जाम स्टेशन चौक पर लगती है. खलीफाबाग और वेराइटी चौक के पास भी रोजाना दो दर्जन से अधिक ठेला, फुटपाथी दुकान लगते हैं. लेकिन सिर्फ मुन्ना के ठेले को हटाने के पीछे कोतवाली पुलिस की मंशा कितनी नेक है, इसका स्पष्ट है. दुकानदार मुन्ना ने कहा कि अगर उसके ठेले से खलीफाबाग चौक पर जाम लगता है तो अन्य ठेले से क्या जाम नहीं लगता है. उन ठेले को क्यों नहीं हटाया जा रहा है.
अतिक्रमण के बाद लग गयी दुकानें. कुछ दिन पूर्व नगर निगम की ओर से स्टेशन चौक से लेकर मुख्य बाजार समेत कोतवाली के अन्य इलाकों में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया गया था. निगम प्रशासन ने हर सड़क को अतिक्रमण मुक्त कर दिया था. पुलिस से इसकी मॉनीटरिंग का अनुरोध किया था, ताकि दुकानदार फिर से सड़क के फुटपाथ का अतिक्रमण न कर ले. जैसे ही अभियान शांत हुआ फुटपाथी दुकानदारों ने फिर से दुकानें लग गयी. स्टेशन चौक फिर से अवैध फुटपाथी दुकानदारों से गुलजार होने लगा. उल्टा पुल के पैदल पाथ पर दुकानें खुलने लगी. आखिरकार पुलिस सब कुछ देख कर भी मौन है. जाहिर से इन अवैध दुकानों से पुलिस को कुछ फायदा है, तभी सब कुछ देख कर भी पुलिस का इन्हें नजरअंदाज कर रही है. अगर ऐसा नहीं है तो स्टेशन चौक पर टेंपो चालकों की मनमानी क्यों नहीं रुकती है. बीच सड़क को स्टैंड बना कर रोजाना टेंपो चालक स्टेशन चौक को जाम करते हैं.
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