भागलपुर: स्कूलों में भवन निर्माण के लिए एड़ी-चोटी एक करने व अधूरे निर्माण कार्य पर प्रधानों की खिंचाई करने में आगे रहनेवाला शिक्षा विभाग वैसे भवनों की मरम्मत या ध्वस्त करने की कार्रवाई करने में गंभीर नहीं दिख रहा है, जहां बच्चे असुरक्षित हैं.
स्कूलों की ओर से विभाग को सौंपी गयी रिपोर्ट पर गौर करें, तो जिले के 168 स्कूल ऐसे हैं, जहां एक भी कमरा बच्चों के लिए सुरक्षित नहीं है.भागलपुर के 61 स्कूलों का यही हाल है, जहां महज एक-एक कमरा ही बच्चों के बैठने के लायक है. इनमें नगर निगम, कहलगांव, शाहकुंड, सुलतानगंज व सबौर में ऐसे स्कूलों की संख्या सर्वाधिक है. रिपोर्ट में खुलासा हो चुका है कि जिले 540 स्कूलों के 1401 क्लास रूम खतरनाक हो चुके हैं.
निर्देश जारी, पर गंभीरता नहीं
स्कूलों के जजर्र कमरों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय ने चार दिन पूर्व ही जिले के सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश जारी कर दिया है. सभी बीइओ को संबंधित स्कूल प्रधानों के साथ अविलंब बैठक करने कहा गया है.
विद्यालय शिक्षा समिति से प्रस्ताव तैयार कर सर्व शिक्षा अभियान कार्यालय को भेजने का निर्देश दिया गया है, लेकिन अब तक किसी भी बीइओ ने प्रधानों के साथ बैठक नहीं की है. यह स्थिति तब है, जबकि बच्चे संभावित खतरे का सामना कर रहे हैं.
जजर्र कमरों को ध्वस्त करने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए सभी बीइओ को अविलंब प्रधानों के साथ बैठक करने का निर्देश दिया गया है. बीइओ को दोबारा स्मारित भी किया जा रहा है. बीइओ की होनेवाली आगामी बैठक में इसकी समीक्षा की जायेगी कि इस दिशा में कितनी प्रगति हो चुकी है.
नसीम अहमद, डीपीओ, सर्व शिक्षा अभियान