भागलपुर: भागलपुर-बांका के तीन जेलों में हत्या, डकैती, दुष्कर्म जैसे गंभीर अपराधों में सजायाफ्ता और विचाराधीन 1087 कैदी ग्रेजुएट बनने की तैयारी कर रहे हैं. दोनों जिले से कुल 1087 कैदियों ने भागलपुर इग्नू केंद्र के बीपीपी कोर्स में नामांकन (सत्र जुलाई-2014) कराया है. यह कोर्स छह माह का होता है.
इसमें उत्तीर्ण होनेवाले कैदी आसानी से ग्रेजुएशन में एडमिशन ले सकते हैं. ऐसे कैदी जो सालों से जेल में बंद हैं और उनमें पढ़ने की ललक बरकरार है, उनके लिए यह कोर्स काफी कारगर साबित होगा. इस कोर्स में नामांकन के लिए मैट्रिक, इंटर पास होना जरूरी नहीं है, बल्कि साक्षर होना चाहिए. दोनों जिलों के तीन जेलों से सर्वाधिक कैदी शहीद जुब्बा साहनी केंद्रीय कारा से इस कोर्स में नामांकन कराया है. 18 दिसंबर को भागलपुर इग्नू केंद्र की ओर से कैंप जेल में शिविर आयोजित कर इच्छुक कैदियों की काउंसेलिंग की जायेगी.
बंदियों को ऐसे शैक्षणिक कार्यक्रम से जोड़ कर उनका व्यक्तित्व विकास करना ही हमलोगों का उद्देश्य है. बीपीपी कोर्स पास कर साक्षर कैदी आसानी से ग्रेजुएशन में नामांकन करा सकते हैं. जेल में रह कर कम से कम कैदी बीए की डिग्री तो प्राप्त कर लेंगे, ताकि आगे बंदियों को इसका लाभ मिल सके.
नीरज झा, अधीक्षक, सेंट्रल जेल भागलपुर
क्या है बीपीपी कोर्स
बीपीपी (बैचलर प्रीपेरिटी प्रोग्राम) एक ब्रिज कोर्स है. वैसे लोग जो मैट्रिक, इंटर पास नहीं हैं और पढ़ाई भी छोड़ चुके हैं.वे इसमें बीपीपी कोर्स काफी कारगर है. यह कोर्स छह माह का होता है. इसमें उत्तीर्ण होने पर अभ्यर्थी आसानी से बीए, बीकॉम और बीएससी में एडमिशन ले सकते हैं.
कैदियों के लिए कोई शुल्क नहीं : इग्नू भागलपुर के क्षेत्रीय निदेशक डॉ एसजे नीदिराजन ने बताया कि बीपीपी कोर्स के लिए जेल के कैदियों से किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जा रहा है. कैदियों के लिए यह कोर्स बिल्कुल नि:शुल्क है. कैदियों को स्टडी मैटेरियल उपलब्ध करा दिया गया है. जेल में उनकी काउंसेलिंग होगी और परीक्षा केंद्र भी जेल के भीतर ही होगा.