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डॉक्टरों की हड़ताल की भेंट चढ़ा नवजात

त्रिपुरारि भागलपुर : तपस्वी हॉस्पिटल के संचालक डॉ मृत्युंजय कुमार की गिरफ्तारी आदेश के विरोध में आइएमए के आह्वान पर शहर के सभी प्राइवेट नर्सिग होम एवं पैथोलॉजी शनिवार को बंद रहे. इस दौरान चिकित्सकों की हड़ताल की वजह से एक नवजात की मौत हो गयी, तो दूसरी ओर अन्य मरीजों को भारी परेशानी हुई. […]

त्रिपुरारि
भागलपुर : तपस्वी हॉस्पिटल के संचालक डॉ मृत्युंजय कुमार की गिरफ्तारी आदेश के विरोध में आइएमए के आह्वान पर शहर के सभी प्राइवेट नर्सिग होम एवं पैथोलॉजी शनिवार को बंद रहे. इस दौरान चिकित्सकों की हड़ताल की वजह से एक नवजात की मौत हो गयी, तो दूसरी ओर अन्य मरीजों को भारी परेशानी हुई.
जानकारी के अनुसार शनिवार को खरीक प्रखंड की ननकी देवी ने ऑपरेशन से एक बच्चे को जन्म दिया. लेकिन सही चिकित्सा सुविधा के अभाव में जन्म के पंद्रह मिनट के अंदर ही बच्चे की मौत हो गयी. ननकी की मां उर्मिला देवी ने बताया कि बच्च के लैय करि क डॉक्टर के खोजेल गेलिये पर नैय मिलले, अरू हमरो नाती मरी गेलेय.
दूसरी ओर गिरफ्तारी आदेश के विरोध में सवा बारह बजे जेएलएनएमसीएच परिसर से चिकित्सकों ने शांति जुलूस निकाला. कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉक्टर प्रोटेक्शन कमेटी के चेयरमैन डॉ संदीप लाल ने रैली में शामिल सभी संगठनों के सदस्यों से किसी तरह की नारेबाजी या उग्र प्रदर्शन नहीं करने की अपील की. लेकिन इस अपील का असर कुछ मिनट रहा.
अस्पताल परिसर से निकलते ही शांति मार्च में शामिल सदस्य नारेबाजी करने लगे. तिलकामांझी चौक होते हुए जब मार्च पुलिस लाइन के पास पहुंची, तो मार्च में शामिल सदस्यों ने करीब पांच मिनट तक पुलिस-प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाये. इसके बाद वो कचहरी चौक स्थित पटेल की प्रतिमा के पास शांतिपूर्ण धरना दे रहे आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं से उलझ गये. शांति मार्च में शामिल सदस्यों ने वहां हंगामा शुरू कर दिया.
उन लोगों ने धरना स्थल पर बैठी महिलाओं को भगा दिया. उनके बैनर-पोस्टर फाड़ दिया और झाड़ू तोड़ दिया. एक तरफ शांति मार्च में शामिल कार्यकर्ता हंगामा कर रहे थे और दूसरी ओर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता लोकतांत्रिक प्रणाली से धरना देने की बात कहते हुए विवाद नहीं करने की अपील करते रहे. इस दौरान मार्च में शामिल वरीय चिकित्सक व अन्य सदस्यों ने उन्हें संभालने की कोशिश की, पर उनका हंगामा जारी रहा. कुछ देर के हंगामे के बाद आइएमए अध्यक्ष डॉ डीपी सिंह, डॉ अजय सिंह, डॉ एसपी सिंह, डॉ हेमशंकर शर्मा सहित अन्य चिकित्सकों ने रैली को जल्दी से वहां से आगे बढ़ाया. इधर दौरान मौके पर मौजूद पुलिस मूकदर्शक बनी रही. शांति मार्च के दौरान अराजक स्थिति देख समाहरणालय के कर्मचारियों ने मुख्य द्वार पर ताला लगा दिया.
इसके बाद जुलूस घंटाघर होते हुए खलीफाबाग चौक पहुंचा. वहां सभा की गयी. इस दौरान डॉ डीपी सिंह ने कहा कि मरीज और चिकित्सक के रिश्ते को राजनीतिक रंग देकर कलंकित कर दिया गया है. उन्होंने कहा कि जो भी इस मामले में दोषी हो उसे न्यायालय सजा दे, लेकिन बाहर के नेता आ कर चिकित्सकों के चरित्र पर कीचड़ न उछालें. वक्ताओं ने कहा कि बाहर के सांसद आ कर कहते हैं कि ईंट से ईंट बजा देंगे. इसलिए हमलोग चुप नहीं बैठेंगे. उन्होंने मीडिया पर भी निशाना साधते हुए कहा कि लगातार अखबारों में बड़ी-बड़ी खबरें छाप कर मामले को बेवजह तूल दिया जा रहा है. इस दौरान जुलूस में शामिल चिकित्सकों ने मीडिया के खिलाफ नारेबाजी भी की. आइएमए हॉल में आ कर रैली सभा में तब्दील हो गयी. फिर रैली का समापन किया गया.

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