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नगर निगम: समय बीता, लाखों हुए खर्च, नहीं हुई सबकी मापी होल्डिंग टैक्स के लिए फिर मापी

भागलपुर: नगर निगम की ओर से विभिन्न वार्डो में 70 हजार से अधिक होल्डिंग की मापी तय समय में नहीं हो पायी. होल्डिंग मापी के नाम पर जनता के लाखों रुपये बरबाद हुआ. अब राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया कि भूस्वामी को स्वयं होल्डिंग की मापी करानी होगी. इससे लोगों की परेशानी और […]

भागलपुर: नगर निगम की ओर से विभिन्न वार्डो में 70 हजार से अधिक होल्डिंग की मापी तय समय में नहीं हो पायी. होल्डिंग मापी के नाम पर जनता के लाखों रुपये बरबाद हुआ. अब राज्य सरकार ने आदेश जारी कर दिया कि भूस्वामी को स्वयं होल्डिंग की मापी करानी होगी. इससे लोगों की परेशानी और बढ़ गयी है.

एक माह में करनी थी होल्डिंग की मापी

होल्डिंग की मापी के लिए एक माह का समय तय किया गया था. टैक्स दारोगा व तहसीलदार के अलावा सभी 51 वार्डो के लिए एक -एक अस्थायी कर्मचारी नियुक्त किये गये, जिसे प्रतिदिन 160 रुपये मेहनताना मिलता था. इस हिसाब से एक माह में 2.44 लाख रुपये अतिरिक्त खर्च हो गये. एक माह के तय समय में होल्डिंग मापी नहीं पायी तो निगम ने नियम में बदलाव कर प्रति होल्डिंग मापी पर 20 रुपये देने का निर्णय लिया. इसके बावजूद एक वर्ष में 50 फीसदी भी होल्डिंग की मापी नहीं हो सकी और लाखों रुपये खर्च हो गये.

इस्टर्न बिहार चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज के महासचिव जगदीश चंद्र मिश्र पप्पू का कहना है स्व निर्धारण होल्डिंग मापी का जो नियम लाया गया है. इस पर भी संशय है. नगर निगम प्रशासन लोगों के मापी को कितनी मान्यता देता है. यह देखने वाली बात है. दो बार पहले भी कर निर्धारण फॉर्म भरवाया गया था या जमीन मापी नगर निगम की ओर से करवायी गयी थी. इसमें जनता का ही लाखों रुपये बरबाद हुआ. उससे नगर निगम का ही विकास कार्य होता है. पांच रुपये में फिर से कर निर्धारण का फार्म भरवाया जा रहा है. नगर निगम के सशक्त स्थायी समिति सदस्य संतोष कुमार का कहना है इस अवधि में जनता के ही पैसा को लगाया है.

राजस्व की क्षति से नगर निगम का विकास कार्य अवरुद्ध हुआ. जनता यह जानना चाहती है कि शत-प्रतिशत होल्डिंग की मापी के बाद कर निर्धारण क्यों नहीं किया गया. बार-बारहोल्डिंग शुल्क बढ़ाया जाता है, जिससे जनता काफी त्रस्त है. जल, सफाई, रोशनी व मूलभूत सुविधाओं के अभाव को लेकर जनता का आक्रोश नगर निगम प्रशासन, नगर विकास विभाग की बजाय स्थानीय पार्षद को ङोलना पड़ता है.

गलत करनेवालों को लगेगा जुर्माना

टैक्स दारोगा शंकराचार्य उपाध्याय ने बताया कि सरकार की ओर से संपत्ति कर स्व गणना प्रपत्र के आधार पर संपूर्ण होल्डिंग मापी का आदेश आ गया. तहसीलदार घर-घर जाकर फॉर्म पहुंचायेंगे. मकान मालिक अपने होल्डिंग की मापी जमा करेंगे. प्रपत्र की कीमत पांच रुपये रखी गयी है. यदि कोई हेर-फेर करेगा तो उस पर दो हजार से पांच हजार रुपये तक जुर्माना लगेगा. शक के आधार पर इंजीनियर से होल्डिंग की मापी करायी जायेगी और दोगुना टैक्स लिया जायेगा.

सुविधा दीजिए परेशान मत कीजिए

कपड़ा कारोबारी सह सिद्ध क्षेत्र मंत्री सुनील जैन का कहना है इस तरह के नियम बदलने से जनता को सुविधा देने की बजाय परेशानी में डालना है. बार-बार नियम बदलने से जनता सरकार के कार्यो पर विश्वास करना छोड़ देगी. जनता के हित व सुविधा को हमेशा ध्यान रखा जाना चाहिए.

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