भागलपुर: भागलपुर जिले में पेंडिंग आपराधिक मामलों की संख्या 16 सौ है. जिले में पहली बार थानाध्यक्षों ने सभी आपराधिक मामलों का लेखा-जोखा तैयार किया है. सभी मामले की पूर्ण जानकारी एसएसपी कार्यालय को उपलब्ध करा दी गयी है. इन आपराधिक मामलों में कौन-कौन से अभियुक्त फरार हैं और किनको जेल भेजा गया है या फिर मामलों के लंबित होने के कारण क्या हैं. इस बात का स्पष्ट उल्लेख थानाध्यक्षों ने अपने रिपोर्ट में शामिल किया है.
सोमवार को एसएसपी राजेश कुमार ने क्राइम मीटिंग के बाद बताया कि कांडों के सत्यापन में इंस्पेक्टर व डीएसपी को इससे मदद मिलेगी. उन्होंने बताया कि कांड के अनुसंधानकर्ता अपने अधिकारियों को अब बरगला नहीं सकते. अब मामलों को लंबित नहीं रखा जा सकता. मामले किस स्तर पर लंबित हैं इसका लेखा-जोखा उपलब्ध है.
120 अपराधियों की बनी कुंडली
एसएसपी ने बताया कि जिले के 120 अपराधियों की कुंडली तैयार कर ली गयी है. इन अपराधियों को गिरफ्तार करने के लिए अधिकारियों पर जवाबदेही सौंपी जायेगी. इन अपराधियों में चुनिंदा अपराधियों के ऊपर इनाम की घोषणा करने में आसानी होगी.
500 अपराधियों पर पुलिस की नजर
जेल में बंद पांच सौ अपराधियों पर अब पुलिस नजर रख रही है. इन अपराधियों को बेल पर छोड़े जाने की सूचना पुलिस के पास नहीं होती थी और ये बाहर निकलते ही आपराधिक घटनाओं को अजाम देते थे. अब ऐसा नहीं होगा, अगर कोई अपराधी जेल से बेल पर बाहर निकलता है तो उस पर एक विशेष अधिकारी नजर रखेंगे. इसके लिए एक पुलिस अधिकारी की विशेष तौर पर तैनाती की गयी है. अपराधियों के बेल कैंसिलेशन के लिए 16 प्रमुख बिंदुओं पर काम करने के निर्देश जारी किये गये हैं. इसके अलावा गुंडा पंजी, दागी पंजी, जनता दरबार के आवेदन, मुख्यमंत्री जनता दरबार के आवेदन, पासपोर्ट, वारंट, कुर्की आदि 60 विभिन्न मामलों पर विशेष नजर रखी जायेगी.
जल्द होगा नक्सल विरोधी ऑपरेशन
एसएसपी ने बताया कि नक्सल गतिविधियों को देखते हुए अब नक्सली ऑपरेशन चलाया जायेगा. इसके लिए रणनीति तैयार की गयी है. उन्होंने बताया कि उनके पास फोर्स की कमी नहीं है. इशीपुर, बाराहाट, पीरपैंती आदि चिह्न्ति थाना क्षेत्रों में भारी संख्या में पुलिस बलों के साथ छापेमारी अभियान चलाया जायेगा.
थानों में नहीं चलेगा मुंशी राज
थानों को चलाने में मुंशी की अहम भूमिका होती है. थानाध्यक्ष हर समय थाना में उपलब्ध नहीं होते. ऐसे में मुंशी थानाध्यक्षों को गुमराह करते हैं. इसलिए निर्णय लिया गया है कि एक वर्ष पूरा करने वाले मुंशी को बदल दिया जायेगा. इनकी जगह जानकार सिपाही को दी जायेगी. इसके लिए शुक्रवार को पुलिस लाइन में परीक्षा ली जायेगी. जो योग्य होंगे उन्हें ग्रेड के आधार पर थानों में तैनात किया जायेगा.
चालक सिपाही भी बदले जायेंगे
थाना की जीप को चलाने वाले चालक सिपाही की अहम भूमिका होती है. इसलिए चालक सिपाही को भी बदला जायेगा.
पांच सेक्टरों में बटेंगे जिले के सभी थाने
अपराध नियंत्रण के लिए जिले के सभी थानों को पांच सेक्टरों में बांटा जायेगा. इन सेक्टरों के प्रभारी एएसआइ व जेएसआइ होंगे. इनके प्रदर्शन पर भी नजर रखी जायेगी. ये अपने सेक्टर में घटने वाली सभी आपराधिक घटनाओं के लिए जवाबदेह होंगे. ये अपने क्षेत्र में गश्ती करेंगे और चौकीदारों के संपर्क में रहते हुए पुलिसिंग करेंगे.
योग्यता के आधार पर बनेंगे थानाध्यक्ष
वर्तमान समय में जिले के आठ थाना प्रभारी विहीन हो गये हैं. इन थानों में प्रभारियों की तैनाती उनके योग्यता के आधार पर की जायेगी. बुधवार की सुबह छह बजे पुलिस लाइन में इनकी योग्यता की जांच होगी. थानाध्यक्ष बनने के इच्छुक सब इंस्पेक्टरों को बताना होगा कि वे पहले कहां थे. क्या उन्होंने विशेष ट्रेनिंग ली है. उनकी पांच प्रमुख उपलब्धियां कौन-कौन रही हैं. उनकी पर्सनाल्टी कैसी है. उनके पास आत्म विश्वास है या नहीं. एसएसपी राजेश कुमार ने बताया कि 150 सब इंस्पेक्टरों में आठ को प्रभारी बनाया जायेगा.