* आरोपी चिकित्सक के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज, सुरक्षा व्यवस्था बढ़ी
भागलपुर : बरारी थाना क्षेत्र के लोक सेवा नर्सिग होम में शनिवार को संदेहास्पद अवस्था में प्रसूता की मौत पर परिजनों ने जम कर हंगामा किया.
घटना की सूचना मिलते ही बरारी, आदमपुर व तिलकामांझी पुलिस टीम पहुंची और स्थिति को नियंत्रित किया. इस बाबत प्रसूता के परिजन के बयान पर बरारी थाना में आपराधिक मामला दर्ज कराया गया है. पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया है.
परिजनों के अनुसार सैंडिस कंपाउंड के पीछे लोक सेवा नर्सिग होम में खगड़ा नवगछिया निवासी गजेंद्र कुंवर की पत्नी बबीता देवी को भरती कराया गया था. शुक्रवार की शाम उसने एक पुत्र को जन्म दिया. रात आठ बजे प्रसूता होश में आयी.
शनिवार की सुबह अचानक बबीता को पसीना आना शुरू हुआ. दो मंजिले से नीचे लाने के दौरान जब उसे स्ट्रेचर पर लिटाया गया तो स्ट्रेचर छूट जाने से वह गिर गयी. उसे चिंताजनक अवस्था में जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसीयू में भरती कराया गया.
जहां उसकी मौत हो गयी. परिजनों ने बताया कि बबीता का पति राउरकेला ओड़िशा में इंजीनियर है उसे सूचना दी गयी है. इधर, इस बाबत बबीता के देवर धरेंद्र कुमार ने बरारी थाना में मामला दर्ज कराया है.
* मामला लोक सेवा नर्सिग होम में प्रसूता की मौत का
* प्राइवेट नर्सिंग होम की बढ़ी सुरक्षा, अस्पतालकर्मियों में दहशत
* स्वस्थ है नवजात
अस्पताल में बबीता का पुत्र स्वस्थ है. उसे विशेष निगरानी में चिकित्सक अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं.
* गमगीन हैं परिजन
बबिता की मौत के बाद परिजन काफी दुखी है. परिजन मौत के लिए अस्पतालकर्मियों की लापरवाही को जिम्मेवार बता रहे हैं. बबिता के पति राउरकेला में इंजीनियर हैं.
उन्हें सूचना दी गयी है.
* बढ़ा दी गयी अस्पतालों की सुरक्षा
घटना के बाद एक ओर लोक सेवा नर्सिग होम की सुरक्षा बढ़ दी गयी तो दूसरी ओर जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसीयू के बाहर बरारी थानाध्यक्ष अमर कुमार सदलबल मुस्तैद थे. किसी भी प्रकार की अनहोनी की घटना से इनकार नहीं किया जा सकता था. बता दें कि परिजन आक्रोशित थे और चिकित्सक पर हत्या का आरोप मढ़ रहे थे. आरोप लगाया जा रहा था कि जानबूझ कर बबीता की हत्या कर दी गयी.
* चिकित्सक पर आरोप लगाना ठीक नहीं
शहर के जाने माने चिकित्सक डॉ हेम शंकर शर्मा, डॉ मृत्युंजय कुमार, डॉ राजीव सिंहा, डॉ शांतनु घोष आदि ने आइसीयू में बताया कि किसी भी चिकित्सक पर आरोप लगाना उचित नहीं है. बबीता की मौत चिकित्सक की लापरवाही के कारण नहीं हुई है. महिला चिकित्सक डॉ सरस्वती पांडे के अलावा उनके पति डॉ महेश कुमार भी मौके पर उपस्थित थे.
डॉ कुमार जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के आइसीयू के इंचार्ज रहे हैं. वे जाने माने चिकित्सक हैं. बबीता के शरीर में पानी की कमी थी. ऑपरेशन ही एक मात्र उपाय था. चिकित्सक मरते-मरते लोगों को बचा लेते हैं और बचते-बचते पीड़ित की मौत हो जाती है. यह संयोग है. डॉ हेम शंकर शर्मा ने बताया कि खून का थक्का फेफड़े में चले जाने से बबीता की मौत हुई है. हालांकि उन्होंने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट मामले का खुलासा करेगा.