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घाट से बिना विसर्जन के लौट गयी मां जगधात्री की प्रतिमा

भागलपुर : पहली बार विसर्जन के लिए घाट पर पहुंची प्रतिमा बिना विसर्जन किये ही वापस मंदिर परिसर में ले आयी गयी. बुधवार को इसके लिए वजह बना स्मार्ट सिटी भागलपुर का नगर निगम. दुर्गाबाड़ी पूजा समिति की ओर से मां जगधात्री की प्रतिमा को बिना विसर्जन किये ही मुसहरी घाट तालाब से लेकर वापस […]

भागलपुर : पहली बार विसर्जन के लिए घाट पर पहुंची प्रतिमा बिना विसर्जन किये ही वापस मंदिर परिसर में ले आयी गयी. बुधवार को इसके लिए वजह बना स्मार्ट सिटी भागलपुर का नगर निगम. दुर्गाबाड़ी पूजा समिति की ओर से मां जगधात्री की प्रतिमा को बिना विसर्जन किये ही मुसहरी घाट तालाब से लेकर वापस लौटना पड़ा.

दरअसल, एनजीटी के आदेश के कारण गंगा में प्रतिमा विसर्जित करना प्रतिबंधित है और विसर्जन के लिए निगम द्वारा मुसहरी घाट पर बनाये गये तालाब में पानी नहीं होने के कारण विसर्जन करना मुश्किल था. आखिरकार प्रतिमा के ऊपर से घाट पर गंगा जल अर्पित किया गया और माता जगधात्री से हाथ जोड़ कर क्षमा मांगते हुए श्रद्धालु प्रतिमा काे वापस मंदिर में ले आये.
प्रशासन ने पूजा समिति को इस तरह दौड़ाया
सचिव सुब्रतो मोइत्रा ने बताया कि संबंधित थाना प्रभारी को पहले इसकी सूचना दी गयी. यहां निगम जाने को कहा गया. लेकिन निगम में कोई पदाधिकारी नहीं मिले. इससे वहां से वापस लौटना पड़ा. पार्षद गोविंद बनर्जी के सहयोग से नगर आयुक्त व अन्य पदाधिकारी को जानकारी दी गयी. इसके बाद दोपहर बाद काली विसर्जन घाट की सफाई तो करायी गयी, पर पानी नहीं भरा जा सका.
छह घंटे का मिला समय, पर तालाब में नहीं भरा गया पानी
निगम की ओर से यहां पानी भरने के निर्देश दिये गये, लेकिन छह घंटे में भी पानी नहीं भरा. दुर्गाबाड़ी समिति के पदाधिकारी व सदस्य प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा निकालकर विसर्जन तालाब पर पहुंचे. जब यहां पानी नहीं भरा गया, तो प्रशासनिक पदाधिकारी को सूचना दी गयी. बरारी पुल घाट पर पानी भरने की बात कही गयी.
यहां भी इतने पतले पाइप से पानी भरा जा रहा था, जो देर रात तक तालाब में पानी आता. काफी देर तक इंतजार करने के बाद श्रद्धालुओं ने गंगा जल को प्रतिमा पर अर्पित किया और ढाक की थाप के बीच प्रतिमा को साथ लेकर वापस लौट गये.
श्रद्धालुओं ने जोड़े हाथ, कहा : मां चलो वापस, हमें माफ करना, फेल सिस्टम के बीच रहते हैं हम
भागलपुर के इतिहास की पहली घटना, दिनभर प्रतिमा विसर्जन को लेकर भटकते रहे दुर्गाबाड़ी समिति के सदस्य व पदाधिकारी
चार बार बोले थे पर नहीं किया : उपनगर आयुक्त
उप नगर आयुक्त सत्येंद्र वर्मा ने कहा कि नगर आयुक्त के निर्देश के बाद सहायक अभियंता विकास को 11 बजे पानी भरने के निर्देश दिये. शाम पांच बजे तक लगातार चार बार निर्देशित किया गया. अंत में पानी भरने को आश्वस्त किया. फिर भी ऐसी घटना हुई है, तो गंभीर मामला है. कार्रवाई की जायेगी.
12 नवंबर से करेंगे जन आंदोलन : विधायक
भागलपुर विधायक अजीत शर्मा ने कहा कि तालाब बनाने के बाद सफाई नहीं होती है. ऐसे में विसर्जन कैसे किया जा सकता है. नगर निगम के कारण घाट से प्रतिमा का वापस हो जाना निंदनीय है. निगम कोई काम सही तरीके से नहीं कर रहा है. नाला साफ नहीं करता. सड़क काटने के बाद दुरुस्त नहीं करता. कूड़ा जहां-तहां फेंक दिया जाता है. 12 नवंबर से इसके खिलाफ आंदोलन करेंगे.
होगी कड़ी कार्रवाई : जिलाधिकारी
डीएम प्रणव कुमार ने कहा कि अगर पूजा समिति ने मूर्ति स्थापना व विसर्जन की सूचना पहले ही निगम प्रशासन को दी, तब निश्चित तौर पर विसर्जन स्थल की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी निगम की है. अगर ऐसा नहीं हुआ है, तो इसकी जानकारी लेंगे. मामले में निश्चित तौर पर आवश्यक कार्रवाई होगी.
मेरी भी बात किसी ने नहीं मानी : डिप्टी मेयर
डिप्टी मेयर राजेश वर्मा ने कहा कि मैंने खुद उप नगर आयुक्त को फोन किया था, लेकिन मोबाइल स्विच ऑफ मिला. फिर स्वास्थ्य शाखा प्रभारी को फोन कर निर्देशित किया, तो उन्होंने बताया कि काम हो रहा है. लेकिन प्रतिमा का वापस होना निगम के अधिकारियों की घोर लापरवाही है. जिला प्रशासन दोषियों पर कार्रवाई करे.

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