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मेरी मरजी: ऑफिस आने का कोई टाइम होता है क्या

भागलपुर: क्षेत्रीय उपनिदेशक (शिक्षा) के कार्यालय का भगवान ही मालिक है. कार्यालय तो समय पर खुल जाता है, लेकिन पदाधिकारियों के साथ-साथ कर्मचारियों के आने का भी कोई समय निर्धारित नहीं है. कर्मचारी समय से आ भी जाते हैं तो शायद ही कोई काम हो पाता है. क्योंकि पदाधिकारी शायद ही समय पर कार्यालय आते […]

भागलपुर: क्षेत्रीय उपनिदेशक (शिक्षा) के कार्यालय का भगवान ही मालिक है. कार्यालय तो समय पर खुल जाता है, लेकिन पदाधिकारियों के साथ-साथ कर्मचारियों के आने का भी कोई समय निर्धारित नहीं है. कर्मचारी समय से आ भी जाते हैं तो शायद ही कोई काम हो पाता है.

क्योंकि पदाधिकारी शायद ही समय पर कार्यालय आते हैं. कर्मचारी दबी जुबान में यह भी कहते हैं कि वह तो प्रमंडल स्तर के पदाधिकारी हैं, साहब हैं और साहब के भी आने-जाने का कोई टाइम-टेबुल होता है क्या. मंगलवार को क्षेत्रीय उपनिदेशक (शिक्षा) कार्यालय का हाल जानने के लिए प्रभात खबर की टीम सुबह दस बज कर दस मिनट पर कार्यालय पहुंची. कार्यालय के दो कमरों में एक चतुर्थ वर्गीय सहित कुल चार कर्मचारी उपस्थित थे.

आरडीडीई व कार्यक्रम पदाधिकारी (माध्यमिक शिक्षा सह प्राथमिक शिक्षा) का कक्ष बंद था. चतुर्थ वर्गीय कर्मचारी ने बताया कि साहब यहीं हैं और कार्यालय आते हैं. कार्यालय में मौजूद कर्मचारियों ने बताया कि वह समय से तो आ जाते हैं, लेकिन अकसर कार्य के कारण उन्हें देर शाम तक कार्यालय में रुकना पड़ता है. अमूमन प्रतिदिन शाम के सात से आठ बजे तक वह कार्यालय छोड़ते हैं.

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