भागलपुर: पिछले चार माह से मदरसा शिक्षकों को वेतन नहीं मिला है. रमजान व ईद त्योहार कैसे मनाये, इसे लेकर शिक्षकों के सामने परेशानी है. हालात यह है कि कर्ज में शिक्षक डूब चुके हैं. उनके पास इतना पैसा भी नहीं है कि रमजान के लिए मुड़ी व घुघनी का सामान खरीद सके. सिर पर ईद त्योहार है. इसकी तैयारी नहीं हो पा रही. नया कपड़ा, लच्छा व सेवई खरीदने के पैसे नहीं हैं. इधर, कर्ज देनेवाले व्यक्ति भी कर्ज देने से इनकार कर रहे है.
जिले में 32 मदरसा है. इसमें लगभग 1200 शिक्षक कार्यरत हैं. मार्च, अप्रैल, मई व जून तक के वेतन नहीं मिले हैं. मदरसा शिक्षक वेतन मिलने की जानकारी लेने लगातार डीइओ कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं. मदरसा के शिक्षक मो शहबाज आलम, मौलाना निसार अहमद, मौलाना शौकत, मौलाना मंजूर अशरफी, मौलाना आसिन, मौलाना अब्दुल समद ने बताया कि वेतन नहीं मिलने से परेशानी बढ़ गयी है. दो वक्त की रोटी के लिए सोचना पड़ रहा है. किराना दुकानदार भी उधार में सामान देने से इनकार कर रहे है. पिछला बकाया मांगता है. अब तो सारा कुछ सरकार के ऊपर ही है. वेतन मिल जाता है, तो रमजान व ईद अच्छे से मना पायेंगे.
वेतन निर्धारण के कारण वेतन रुका है. लगभग सरकारी प्रक्रिया हो चुकी है. रमजान माह के अंदर -अंदर वेतन मिल जाये इसके लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है.
मास्टर मोनाजीर हसन उर्फ भोलू, सचिव जिला मदरसा शिक्षक संघ