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पार्षद पर हमला कहीं गैंगवार का तो नतीजा नहीं

भागलपुर: पार्षद चमरू मियां पर फायरिंग कहीं गैंगवार का तो नतीजा नहीं है. इस बात की जांच में पुलिस जुट गयी है. चमरू की छवि पूर्व में आपराधिक रही है. यहीं नहीं, चमरू के साथ पार्षद पति साबिर खान भी अपने जमाने में माहिर रहे हैं. सूत्रों की माने तो चमरू का संबंध फेंकू मियां […]

भागलपुर: पार्षद चमरू मियां पर फायरिंग कहीं गैंगवार का तो नतीजा नहीं है. इस बात की जांच में पुलिस जुट गयी है. चमरू की छवि पूर्व में आपराधिक रही है. यहीं नहीं, चमरू के साथ पार्षद पति साबिर खान भी अपने जमाने में माहिर रहे हैं.

सूत्रों की माने तो चमरू का संबंध फेंकू मियां के गैंग से है. जबकि उन पर फायरिंग करने वाला अपराधी सिंकू, अमजद व अन्य फिरोज गैंग से तालुक रखते हैं. दोनों ग्रुपों के बीच गैंगवार में पार्षद को गोली मारी गयी है. फेंकू मियां की हत्या के बाद उसका बेटा टिंकू मियां अपने गैंग का संचालन कर रहा है. कुख्यात और इनामी अपराधी फेंकू मियां की 2010 में हत्या के बाद इस भागलपुर में गैंगवार और बढ़ा है. फेंकू मियां का बेटा टिंकू मियां खुलेआम एलान कर चुका है कि वह अपने पिता की हत्या का बदला लेकर रहेगा. 31 दिसंबर 2013 को टिंकू ने इसकी तैयारी भी कर रखी थी. लेकिन पुलिस ने ऐन मौके पर उसके घर दबिश दी.

नतीजा यह हुआ कि टिंकू के घर से हथियारों का जखीरा पुलिस के हाथ लगा. उधर, अपने पिता के हत्या मामले में गवाही देने पर टिंकू के एक भाई इम्तियाज को घर में घुस कर विपक्षियों ने गोली मारी दी थी. मामले में एकराम गिरोह का नाम आया था. कभी टिंकू मियां भारी पड़ता था तो कभी नौशाद-फिरोज का ग्रुप. दोनों ग्रुपों से जुड़े लोग एक-दूसरे के जान के दुश्मन बन बैठे थे.

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