भागलपुर : सदर अस्पताल में प्रबंधन व प्रशासनिक निर्देश के बाद भी आशा की मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही है. बुधवार को एक मामला फिर प्रकाश में आया, जिसमें आशा कार्यकर्ता ने बिना डॉक्टर की जांच कराये ही निजी जांच केंद्र में अल्ट्रासाउंड करा दिया. हालांकि आशा मदद का हवाला देते हुए कमीशन लेने से इंकार की है. नाथनगर मनियारपुर के संजय सिंह की पत्नी इंदू देवी कमर दर्द से पीड़ित है. वह अपना इलाज कराने सदर अस्पताल पहुंची थी.
चिकित्सक नहीं होने पर वह लौट रही थी. इसी क्रम में उन्हें जगदीशपुर की आशा कार्यकर्ता रेणु देवी परेशानी से अवगत हुई और खुद डॉक्टर बनते हुए अल्ट्रासाउंड कराने के लिए निजी जांच केंद्र में पहुंच गयी. अल्ट्रासाउंड भी करा दिया. इसके बाद जब परिजनों को मालूम हुआ कि बिना डॉक्टर को दिखाये ही अल्ट्रासाउंड करा दिया गया, तब परिजन सक्रिय हुए और अस्पताल प्रबंधन को शिकायत की. हेल्थ मैनेजर मो जावेद मंजूर ने बताया कि मामले की जानकारी हुई है, छानबीन की जा रही है.
पहले भी हो चुका है मामला : गोलाघाट, तातारपुर के अजय रजक की पत्नी निशा कुमारी को 14 मार्च की रात करीब 10 बजे सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिजनों ने बताया था कि रातभर निशा को उल्टी होती रही, लेकिन नर्सों ने डॉक्टर को बुलाने के बजाय उन्हें झूठा आश्वासन देती रही.
दूसरे दिन सुबह लेबर रूम में प्रसव दर्द से कराह रही निशा को नर्सों ने डॉक्टर नहीं है, कहकर लेबर रूम से बाहर कर दिया. यहां पर मौजूद आशा कार्यकर्ता प्रतिमा ने निशा को बड़ी पोस्ट ऑफिस स्थित एक निजी नर्सिंग होम में पहुंचा दिया. जहां प्रसव के दौरान निशा के नवजात बच्ची की मौत हो गयी. सिविल सर्जन के निर्देश पर इस मामले की जांच हुई थी.