भागलपुर: शाम ढलते ही शहर की सड़कों पर शराबियों का कब्जा हो जाता है. महिला, लड़कियों का सड़क पर चलना मुश्किल हो जाता है. पुलिस गश्ती के नाम पर खानापूर्ति होती है.
इससे शौहदों का पर अंकुश नहीं लग पाता. गुरुवार की शाम राजहंस होटल के पास हुई चाकूबाजी के बाद भी पुलिस गंभीर नहीं हुई. टाइगर मोबाइल भी वसूली में व्यस्त रहता है, जबकि उसे पूरे शहर में मूवमेंट करना है.
सरेआम टकराते हैं जाम . राजहंस होटल के सामने शराब दुकानों के बाहर सरेआम जाम टकराया जाता है. शराब दुकानों के पास सिर्फ बिक्री का लाइसेंस है, लेकिन आसपास के रेस्तरां और भोजनालय में बैठ कर लोग शराब पीते हैं. रात में चाय की दुकान के बाद बंद होने के बाद उसके टेबल पर ग्लास सजता है. चर्च के सामने ज्यादातर फुटपाथी फास्ट फूड की दुकानों से पुलिस हफ्ता वसूलती है. एक दुकान लगाने के एवज में 50 रुपये एक दिन का वसूला जाता है. निर्धारित समय के बाद भी शराब की दुकाने खुली रहती है.
खलीफाबाग चौक पर भी जुटते हैं मवाली
शाम में खलीफाबाग चौक पर मवालियों का जुटान होता है. चौक पर आइसक्रीम की कई दुकानें हैं, जहां महिलाएं व लड़कियों की भीड़ जुटती है. इस भीड़ में मनचले भी छुपे रहते हैं, जो महिलाएं व लड़कियों को छेड़ने से बाज नहीं आते हैं. पुलिस ने गश्ती का पैटर्न बदला है. हर थानों से अपराधियों की सूची मांगी गयी है. एएसपी से लेकर थाना प्रभारी तक को गश्ती करने का निर्देश एसएसपी ने दिया है, फिर भी मनचलों पर लगाम नहीं लग रहा है.