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सैंडिस हमारी जान इसे बचाना ही होगा

भागलपुर : रोजानों ही हजारों लोगों की सेहत सुधारने की जिम्मेदारी निभा रहे सैंडिस के लिए शहरियों का भी दिल धड़ल्ले से धड़कता है. अपनी सेहत के फिक्रमंदों के लिए शहर में न तो इससे बेहतर कोई आसरा है और न ही कोई ठिकाना. हरियाली के सौंदर्य से सराबोर सैंडिस की शार्गिदगी में रोजाना ही […]

भागलपुर : रोजानों ही हजारों लोगों की सेहत सुधारने की जिम्मेदारी निभा रहे सैंडिस के लिए शहरियों का भी दिल धड़ल्ले से धड़कता है. अपनी सेहत के फिक्रमंदों के लिए शहर में न तो इससे बेहतर कोई आसरा है और न ही कोई ठिकाना. हरियाली के सौंदर्य से सराबोर सैंडिस की शार्गिदगी में रोजाना ही लोगों सकून मिलता है. अलसुबह चहलकदमी करते सैराटों की टोली के साथ कोने-कोने से योग संग मद्धिम स्वर में सुनाई पड़ती करतल ध्वनियां लोगों को रुहानी इत्मिनान दे जाता. निश्छल, नि:स्वार्थ और अनवरत कुदरत की नेमत बरसाने वाले सैंडिस के हम सब कर्जदार भी हैं और इसे संवारने के जिम्मेदार भी. प्रभात खबर ने सैंडिस को लेकर उनकी राय जानी, तो सबने ही एक सुर में बोला- सैंडिस हमारी जान, इसे बचाना होगा.
बन गये चोर दरवाजे
सैंडिस कंपाउंड में एक ही दरवाजे पर सुरक्षा गार्ड की सुविधा दी गयी है. बांकी तीन ऐसे दरवाजे हैं, जहां पर कोई सुरक्षा गार्ड नहीं है. इसके अलावा सैंडिस कंपाउंड में कटहलबाड़ी की ओर से दीवार टूटे महीनों गुजर गये. इस ओर से असामाजिक तत्व हो या युवाओं की टोली बाइक लेकर घुस आ जाती है. इतना ही नहीं मवेशियों का झुंड भी सैंडिस में दाखिल होकर लोगों के इत्मिनान में खलल डाल जाते हैं.
स्मार्ट सिटी की सूची में सौंदर्यीकरण का काम
भागलपुर. स्मार्ट सिटी परियोजना की प्राथमिकता की सूची में सैंडिस कंपाउंड के सौंदर्यीकरण का भी काम है. 30 मई को हुई स्मार्ट सिटी की बैठक में चार योजनाओं को प्राथमिक के तौर पर पूरा करने का निर्णय लिया गया था. इसमें कंट्रोल एंड कमांड सेंटर, स्मार्ट रोड, कचरा प्रबंधन और सैंडिस कंपाउंड शामिल है. नौ जून को हुई बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त ने यह तय किया कि सैंडिस कंपाउंड को किस तरह से विकसित किया जाये, इस पर प्रबुद्ध शहरियों से राय भी ली जायेगी.
बाइकर्स भरते हैं फर्राटा
सैंडिस कंपाउंड में युवाओं, बुजुर्गों व महिलाओं की हाल के दिनों में एक ही शिकायत है कि चोर दरवाजे से हुड़दंगी युवाओं की टोली बाइक लेकर सैंडिस कंपाउंड में पहुंच जाती और जहां मन होता वहां तेज गति से बाइक चलाते हुए निकल जाते. इससे टहलने वाली महिलाओं व बुजुर्गों को दिक्कत होती है.
सैंडिस कंपाउंड बचाने के लिए करना होगा जागरूक
बड़ी खंजरपुर के विजेंद्र ने कहा कि बाइकर्स भी इसी शहर के हैं. यहां पर टहलने की जरूरत है न कि बाइक चलाने की. उन्हें समझाना होगा. आदमपुर के सतीश कुमार ने बताया कि प्रतिदिन खेलने आते हैं. दीवार टूट गयी है. बड़ी खंजरपुर के नवीन ने बताया कि यहां पर पेयजल की समुचित सुविधा नहीं है.
शौचालय व पेयजल की हो व्यवस्था
प्रभात खबर ने बुजुर्गों की टोली से सैंडिस कंपाउंड के विकास पर चर्चा की तो उन्होंने बताया के वे लोग मानस सत्संग समिति के तहत प्रतिदिन 30 से 35 बुजुर्ग यहां आते हैं. सुबह टहलने आते हैं तो शाम को सत्संग करने के लिए. यहां पर पेयजल व शौचायल की सुविधा नहीं है. इससे खासकर महिलाओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ता है. इसमें डॉ के कुमार, उदयानंद कुंवर, उपेंद्र झा, रामकिशोर सिंह, रामस्नेही, इंद्रदेव भगत, पंकज झा आदि शामिल हैं. उन्हें उम्मीद है कि कमिश्नर की टीम आयेगी और विकास कार्य आगे बढ़ेगा.
बराबर होती हैं घटनाएं, चाहिए सुरक्षा
सैंडिस में सुरक्षा व्यवस्था सुदृढ़ करने की जरूरत है. शहर के विभिन्न स्थानाें से आयी महिलाओं ने कहा कि सुरक्षा व्यवस्था ठीक नहीं होने के कारण शाम ढलने से पहले ही निकलना पड़ता है. यहां कोई न कोई घटनाएं होती हैं. मायागंज की नीलम देवी ने बताया कि यहां पर सुरक्षा की व्यवस्था ठीक नहीं है. जवारीपुर की सरला देवी ने बताया कि प्रतिदिन यहां पर टहलने के लिए आती हूं. गेट पर गार्ड रहने के बाद भी बाइक सवार ट्रेक पर पहुंच जाते हैं. गुड़हट्टा चौक की निभा देवी ने बताया कि चेन छीनने की घटना छोटी है, यहां तो हत्या भी हो चुकी है.
सैंडिस कंपाउंड के विकास की बाधा हुई दूर
आवारा पशुओं से भी हाेती है परेशानी
हाइमास्ट खराब, बढ़ गयी है चोरी
पार्किंग के सामने की हाईमास्ट की लाइट महीनों से खराब पड़ी है. दो दिन पहले ही यहां से एक बाइक चोरी हो गयी. सुरक्षा गार्ड का कहना है कि अंधेरे का फायदा उठाकर चोर बाइक उठा ले गये. यहां पर प्राय: ऐसी घटनाएं हो रही हैं. बाइक वाले भी डबल लॉक लगाकर नहीं जाते हैं. इससे बाइक सुरक्षित नहीं रह पाता है.नीलकंठनगर के अभिमन्यु ने कहा कि प्रतिदिन टहलने के लिए आते हैं. यहां कभी फोर व्हीलर घुस आता है तो प्रतिदिन बाइक सवार धमाचौकड़ी करते हैं. मायागंज के उदयशंकर प्रसाद ने कहा कि यहां पर कम से कम पेशाब घर बने. ताकि लोगाें राहत मिले. जबकि, खंजरपुर के एके पाठक ने कहा कि पेड़-पौधे सूख रहे हैं. पेड़ों में दीमक लग रहे हैं. यहां की हरियाली खत्म नहीं हो जाये, यही चिंता है. दूसरी ओर भीखनपुर के इंदुभूषण राय ने कहा कि सैंडिस कंपाउंड के सभी द्वार पर सुरक्षा गार्ड की जरूरत है. इसके साथ ही टूटे दीवार ठीक कराना होगा.

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