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फोटो वायरल पीड़ित परेशान
भागलपुर : सीआइडी के एडीजी विनय कुमार रविवार को आइजी कार्यालय में स्थापित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) का निरीक्षण करने पहुंचे. करीब दो घंटे तक उन्होंने यहां की परेशानी को जाना-समझा और समाधान करने का आश्वासन दिया. एडीजी ने कहा कि शहर में अपराध की घटना होने के बाद बाहर से एफएसएल की टीम […]
भागलपुर : सीआइडी के एडीजी विनय कुमार रविवार को आइजी कार्यालय में स्थापित क्षेत्रीय विधि विज्ञान प्रयोगशाला (एफएसएल) का निरीक्षण करने पहुंचे. करीब दो घंटे तक उन्होंने यहां की परेशानी को जाना-समझा और समाधान करने का आश्वासन दिया. एडीजी ने कहा कि शहर में अपराध की घटना होने के बाद बाहर से एफएसएल की टीम बुलायी जाती थी. अब शहर में यह सुविधा उपलब्ध होगी. डेढ़ करोड़ की लागत पर यहां आधुनिक मशीन लगायी गयी है, जिसकी मदद से साक्ष्य की आधुनिक तरीके से जांच की जा सकती है.
यहां एचपीटीएलसी मशीन लगायी गयी है. इसकी मदद से जहर, विस्फाेटक व ड्रग्स की जांच होगी. यूएचपीएलसी मशीन भी लगायी जा चुकी है. यह मशीन नारकोटिक, ड्रग्स, भांग, चरस, विस्फोटक समेत रासायनिक पदार्थ की जांच में कारगर है. वर्तमान में तीन वैज्ञानिक तैनात हैं. आने वाले समय में और वैज्ञानिकों को यहां भेजा जायेगा. छह माह में यह प्रयोगशाला पूरी तरह से काम करने लगेगा. यहां की पुलिस को अब पटना की जांच पर नहीं निर्भर नहीं रहना होगा. अपराधी अब अपराध कर बच नहीं सकेंगे. इस प्रयोगशाला से जिले से सटे सभी 11 जिले की पुलिस लाभ उठा सकेगी. इससे दरभंगा को भी जोड़ा जायेगा.
वर्तमान में पटना में डीएनए की जांच सुविधा उपलब्ध है. आनेवाले समय में यह सुविधा भागलपुर में भी उपलब्ध करायी जायेगी. डीएनए जांच की सुविधा कोलकता में भी नहीं है. बिहार पहला राज्य है, जहां यह सुविधा है. यहां बैलेस्टिक जांच की मशीन लगायी जायेगी. इस मशीन की खरीद हो चुकी है, अभी पटना में इसे रखा गया है. जल्द ही यहां भेज दिया जायेगा. बैलेस्टिक मशीन से बायोलॉजी, सेरोलॉजी, भौतिकी और रासायनिक और विस्फोटक की जांच आसानी से हो सकती है. इसके बाद यहां साइबर पोलीग्राफ लैब भी लगाया जायेगा.
उन्होंने कहा कि अगर पुलिस घटना स्थल से अपराधी को हथियार के साथ गिरफ्तार कर ली है, लेकिन अपराधी इसे कबूल नहीं कर रहा है, तो इसकी भी जांच यहां हो सकती है. आधुनिक प्रयोगशाला में फायरिंग रिकवरी रूम बनाया जायेगा. इसमें अपराधी के पास से मिले पिस्टल या अन्य बारूद वाले हथियार को लाया जायेगा. इस हथियार को यहां चला कर पता लगाया जायेगा कि जो घटना हुई है उसे किस हथियार से अंजाम दिया गया है. गिरफ्त में आये अपराधी के अंगुली की जांच से पता लग जायेगा कि इसने घटना को अंजाम दिया है या नहीं.
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