जुलूस के लाइसेंस के लिए एसडीओ ऑफिस में होगा अलग दफ्तर ऑनलाइन भी उपलब्ध होगा फॉर्म
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आवेदन देंगे, जांच होगी, फिर मिलेगा जुलूस का लाइसेंस
जुलूस के लाइसेंस के लिए एसडीओ ऑफिस में होगा अलग दफ्तर ऑनलाइन भी उपलब्ध होगा फॉर्म सभी पदाधिकारी अपना-अपना सरकारी मोबाइल 24 घंटे रखेंगे चालू भागलपुर : बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार व डीआइजी विकास वैभव ने बताया कि हाल की घटनाओं को देखते हुए मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देश का कड़ाई से पालन […]
सभी पदाधिकारी अपना-अपना सरकारी मोबाइल 24 घंटे रखेंगे चालू
भागलपुर : बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार व डीआइजी विकास वैभव ने बताया कि हाल की घटनाओं को देखते हुए मुख्य सचिव द्वारा जारी निर्देश का कड़ाई से पालन हो. बिहार पुलिस अधिनियम 2007 में भी इस बात का प्रावधान किया गया है कि नियमानुसार ही जुलूस निकाले जायेंगे और इसके लिए लाइसेंस जरूरी है. इसे लेकर अनुमंडल कार्यालय स्तर पर कोषांग का गठन करने का निर्णय लिया गया. उसमें प्रभारी पदाधिकारी नामित किये जायेंगे और रजिस्टर में लाइसेंस संबंधी सारी बातों का उल्लेख होगा. इसी कार्यालय में जुलूस के लिए आवेदन देना होगा. जांच के बाद अनुमति प्रदान की जायेगी और लाइसेंस दिया जा सकेगा.
आवेदन अस्वीकृत (रिजेक्ट) होने पर आवेदक को सूचना दे दी जायेगी. लाइसेंस लेने के लिए आवश्यक शर्तों के पालन करने का वचन लिखित रूप में देना होगा. उल्लंघन होने पर उन्हें व्यक्तिगत रूप से जिम्मेदार माना जायेगा और कानूनी कार्रवाई की जायेगी. सभी सरकारी पदाधिकारी अपना-अपना सरकारी मोबाइल 24 घंटे चालू रखेंगे. इस मौके पर डीआइजी विकास वैभव, जिलाधिकारी आदेश तितरमारे, एसएसपी मनोज कुमार, नवगछिया के एसपी पंकज सिन्हा, सहायक जिलाधिकारी वैभव चौधरी, अपर समाहर्ता हरिशंकर प्रसाद, सदर एसडीओ सुहर्ष भगत, नवगछिया एसडीओ मुकेश कुमार, वरीय उपसमाहर्ता इबरार आलम, उपनिदेशक जनसंपर्क बिंदुसार मंडल, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, प्रखंड विकास पदाधिकारी, सभी अंचलाधिकारी व थानाध्यक्ष मौजूद थे.
रूट में बदलाव आवश्यकता पड़ने पर ही. सामान्यत: पूर्व के वर्षों के निर्धारित जुलूस के रूट में बदलाव नहीं किया जायेगा. किसी कारणवश जुलूस का रूट बदलने की जरूरत पड़ी, तो सरकार द्वारा निर्धारित प्रावधान का अनुपालन होगा. रूट परिवर्तन का आवेदन मिलने पर इसका निर्णय एसडीओ व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी संयुक्त रूप से जांच के बाद लेंगे.
गांव में चौकीदार, शहर में सरकारी कर्मी करेंगे निगरानी. धार्मिक स्थलों की सुरक्षा के लिए ग्रामीण क्षेत्र में चौकीदार या दफादार और शहरी क्षेत्र में सरकारी कर्मी को जिम्मेदारी सौंपने का निर्देश दिया गया. स्थानीय चौकीदारों, दफादारों से थानाध्यक्ष दैनिक फीडबैक लेंगे. चौकीदारों व दफादारों को लिखित निर्देश जारी होगा कि किसी अप्रिय घटना घटने पर उनसे स्पष्टीकरण पूछा जायेगा कि उन्होंने सूचना क्यों नहीं दी. लापरवाही पाये जाने पर कार्रवाई भी की जायेगी.
आगामी पर्वों की तैयारी शुरू करने का निर्देश. 24 अप्रैल को जानकी नवमी और दो मई को शब-ए-बरात है. इससे पहले इन पर्वों की तैयारी शुरू करने का निर्देश दिया गया. सभी एसडीओ व अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी को निर्देश दिया गया कि अनुमंडल, प्रखंड व थाना स्तर पर तैयारी की समीक्षा बैठक सुनिश्चित करें. पूरी प्रशासनिक सतर्कता बनाये रखने को कहा गया.
इन शर्तों का अनुपालन करना जरूरी
सभी प्रकार के जुलूसों के लिए पूर्व से लाइसेंस लेना अनिवार्य.
लाइसेंस को लेकर सभी शर्तों का कड़ाई से अनुपालन जरूरी.
सांप्रदायिक विद्वेष फैलानेवाले गीत नहीं बजाये जायेंगे और न ऐसे नारे लगाये जायेंगे.
जुलूस में ऐसी झांकियों का प्रदर्शन नहीं होगा, जो सद्भाव बिगाड़ दे.
ध्वनि मापने का यंत्र आया, तेज आवाज में डीजे बजाना पड़ेगा महंगा
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने भागलपुर में ध्वनि मापक यंत्र भेजा है. जुलूस या अन्य अवसरों पर तेज आवाज में डीजे बजाने पर पाबंदी लगायी जायेगी. सभी थानाध्यक्षों को भी एंड्रॉयड मोबाइल पर ध्वनि मापने से संबंधित एप डाउनलोड करने का निर्देश दिया गया है. 80 डेसीबल से ज्यादा आवाज होने पर उस पर रोक लगाने का निर्देश दिया गया. एसडीओ ने बताया कि ऐसा नहीं है कि डीजे बजेगा ही नहीं. लेकिन 80 डेसीबल से ज्यादा आवाज में बजाना कानून का उल्लंघन है. लिहाजा उल्लंघन होने पर ऐसे डीजे को बंद करा दिया जायेगा और कानूनी कार्रवाई भी की जायेगी.
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