भागलपुर : साहब! सड़क बना दो, नहीं चला जाता पैदल. इस तरह की फरियाद तभी होती है, जब यहां कभी कोई साहब (वीआइपी) आते हैं. फरियादियों की सुनी जाती है. पथ निर्माण विभाग के बड़े साहब जो पटना में पदस्थापित है, उन्हें कह कर उनकी सड़कें बनवाने की कोशिश होती है. जिस बड़े साहब को […]
भागलपुर : साहब! सड़क बना दो, नहीं चला जाता पैदल. इस तरह की फरियाद तभी होती है, जब यहां कभी कोई साहब (वीआइपी) आते हैं. फरियादियों की सुनी जाती है. पथ निर्माण विभाग के बड़े साहब जो पटना में पदस्थापित है, उन्हें कह कर उनकी सड़कें बनवाने की कोशिश होती है. जिस बड़े साहब को कह कर सड़क बनवाने की कोशिश होती है,
उन्हीं के गांव की सड़क पिछले तीन साल से उपेक्षित है. सड़क नहीं बनी है. यह हाल जब बड़े साहब की सड़क की है, तो आम लोगों को अपनी सड़क के लिए रोने का कोई मतलब ही नहीं है. ये बड़े साहब कोई और नहीं, बल्कि पथ निर्माण विभाग के मुख्यालय में पदस्थापित अभियंता प्रमुख सह अपर आयुक्त सह विशेष सचिव लक्ष्मीनारायण दास हैं.
उनका गांव टपुआ (शिवनारायणपुर) है. शिवनारायणपुर-खवासपुर वाया किशनदासपुर, बुद्धुचक व टपुआ लिंक रोड लगभग 16 किमी लंबी है. अभी यह स्थिति है कि वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है. सड़क का निर्माण जल्द शुरू होने की बात कही जा रही है.
सड़क निर्माण के लिए लगभग 31.49 करोड़ खर्च करने की योजना बनी थी. साथ ही इसकी चौड़ाई 3.7 मीटर से बढ़ा कर साढ़े पांच मीटर करनी है. मगर, सड़क निर्माण पर अब 20-20 करोड़ की खर्च होंगे.
पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता रामसकल सिंह ने बताया कि अभियंता प्रमुख के गांव टपुआ की सड़क का टेंडर फाइनल हो गया है. कांट्रैक्टर टॉप लाइन जो कटिहार के हैं, उनको वर्क ऑर्डर भी जारी कर दिया गया है. सड़क का निर्माण जल्द ही शुरू होगा. सड़क निर्माण पर 20-22 करोड़ खर्च होंगे.
रामसकल सिंह, कार्यपालक अभियंता
एक दशक पहले बनी थी सड़क, चलने लायक नहीं
शिवनारायणपुर-खवासपुर वाया किशनदासपुर, बुद्धुचक व टपुआ लिंक रोड का निर्माण हुए एक दशक से ज्यादा समय बीत चुका है. सड़क काफी जर्जर है. इस पर चलना मुश्किल है. सड़क की चौड़ाई भी कम है, जिससे ग्रामीणों को दिक्कतें हो रही है. ऊबड़-खाबड़ मार्ग से ही लोगों की आवाजाही होती है. नाली भी कच्ची है और पानी की निकासी के भी इंतजाम नहीं हैं. मजबूरन लोग गंदगी के बीच जीवन-यापन कर रहे हैं.