अधिवक्ता आरजू हत्याकांड का खुलासा
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राणा मियां ने ली थी हत्या की सुपारी
अधिवक्ता आरजू हत्याकांड का खुलासा आरोपित अकरम और मेहताब गिरफ्तार हत्याकांड के खुलासा में वैज्ञानिक अनुसंधान ने निभायी अहम भूमिका : एसएसपी 2.30 करोड़ रुपये की जमीन बनी हत्या का कारण, मास्टमाइंड माशूक को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है पुलिस भागलपुर : 10 अक्तूबर 2017 को अधिवक्ता आरजू की हत्या मामले में […]
आरोपित अकरम और मेहताब गिरफ्तार
हत्याकांड के खुलासा में वैज्ञानिक अनुसंधान ने निभायी अहम भूमिका : एसएसपी
2.30 करोड़ रुपये की जमीन बनी हत्या का कारण, मास्टमाइंड माशूक को पहले ही गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है पुलिस
भागलपुर : 10 अक्तूबर 2017 को अधिवक्ता आरजू की हत्या मामले में हबीबपुर के चर्चित राणा मियां का हाथ था. एसएसपी मनोज कुमार ने हत्याकांड का खुलासा शनिवार को प्रेस वार्ता कर किया.
मामले में पुलिस ने अकरम और मेहताब को गिरफ्तार कर लिया है. हत्या के पीछे लोदीपुर के जगतपुर स्थित 29 कट्ठे जमीन का विवाद था. देवानंद मंडल नामक व्यक्ति ने जमीन पर कब्जा पाने के लिए अधिवक्ता आरजू की हत्या के लिए राणा मियां को चार लाख रुपये दिये थे. राणा के इशारे पर ही उसके गुर्गे माशूक खान, अकरम और मेहताब ने मिल कर आरजू की हत्या कर दी.
राणा मियां ने…
मामले में भागलपुर पुलिस को अकरम और मेहताब की गिरफ्तारी के बाद बड़ी सफलता हाथ लगी है. साथ ही इस हत्यकांड की अनसुलझी गुत्थी भी सुलझा ली गयी है. इस पूरे मामले को वैज्ञानिक अनुसंधान के जरिये सुलझाया गया. इस केस में आरजू की हत्या शहर के ही कुख्यात अपराधी रह चुके राणा मियां को सुपारी देकर करवाई गयी थी.
10 अक्तूबर 2017 को दोपहर बाद अधिवक्ता मो मजहरूल हक उर्फ आरजू अपने घर से निकले थे. 11 अक्तूबर को जेल रोड के पास उनकी बाइक मिली थी, जबकि कटिहार जिले के पोठिया में उनकी लाश मिली. इस मामले में भीखनपुर के माशूक खान व पंकज कुमार ठाकुर काे पूर्व में ही गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है.
इलियास की जमीन खरीदने के बाद अब्बास की जमीन भी खरीदना चाहता था देवानंद
एसएसपी ने बताया कि मो रज्जाक के बेटे इलियास और अब्बास की जमीन पर लोदीपुर के तहबलपुर निवासी भू माफिया देवानंद मंडल की नजर थी. देवानंद ने पहले इलियास के हिस्से की जमीन खरीद ली थी. उसके बाद उसकी नजर रज्जाक के दूसरे बेटे अब्बास की जमीन पर भी थी. इलियास की जमीन खरीदने के बाद देवानंद लगातार अब्बास पर भी जमीन बेचने का दबाव बना रहा था.
मगर अब्बास जमीन बेचने को तैयार नहीं हुआ. वहीं अब्बास की ओर से देवानंद मंडल के खिलाफ अधिवक्ता मजहरुल हक उर्फ आरजू ने अब्बास के साथ मिल कर मोर्चा खोल दिया. आरजू के अब्बास के पक्ष में आने के बाद अब्बास मामले में कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी कर ही रहा था.
तभी देवानंद मंडल को यह यकीन हो गया कि कानूनी लड़ाई में वह कभी भी अब्बास की जमीन को नहीं खरीद सकेगा. इसके बाद देवानंद मंडल ने राणा मियां को आरजू को रास्ते से हटाने के लिए चार लाख रुपये की सुपारी दी थी. अभी तक के अनुसंधान में पाया गया है कि 2.30 करोड़ रुपये मूल्य की 29 कट्ठे की जमीन ही आरजू हत्याकांड का मुख्य कारण है.
अब्बास ने जनवरी में देवानंद को बेची जमीन तब जाकर जुड़ी हत्याकांड की कड़ी
विगत वर्ष अक्तूबर माह में आरजू की हत्या के बाद अब्बास कमजोर पड़ गया था. वहीं आरजू हत्याकांड के बाद जनवरी माह में अब्बास ने अपनी जमीन देवानंद मंडल को बेच दी. पुलिस अनुसंधान में इसकी कड़ी हत्याकांड से जुड़ गयी. इसके बाद पुलिस ने इसी दिशा में अनुसंधान शुरू कर दिया. अनुसंधान के दौरान पुलिस ने मामले का खुलासा किया.
वैज्ञानिक अनुसंधान में पूर्णिया, कटिहार और भागलपुर के टॉवर को किया गया था डंप
एसएसपी ने बताया कि मामले के अनुसंधान के दौरान वैज्ञानिक अनुसंधान ने अहम भूमिका निभायी. हत्याकांड के तार भागलपुर समेत पूर्णिया और कटिहार से जुड़ने के बाद निर्देश प्राप्त कर तीनों जगहों के संदिग्ध टॉवर लोकेशनों को डंप कराया गया. इस दौरान माशूक खान, मेहताब और अकरम के मोबाइल लोकेशन का पता चला.
वहीं हत्या के बाद पूछताछ में माशूक समेत मेहताब और अकरम ने भागलपुर से बाहर होने की बात कही थी. मामले में पुलिस को देवानंद मंडल और राणा मियां के बीच हत्या की सुपारी को लेकर हुए बात की रिकॉर्डिंग भी मिली. एसएसपी ने बताया कि घटना के वक्त राणा मियां खुद पटना में था. जहां फोन से लगातार अपने गुर्गों से संपर्क कर रहा था. पुलिस के अनुसंधान प्रक्रिया की जानकारी रखने वाले राणा ने हत्या में हर एक बारीक सावधानियां बरती थी.
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