महाविहार का दर्शन करने आये राज्यपाल सत्यपाल मलिक, कहा
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विक्रमशिला के विकास के लिए सीएम से करूंगा बात
महाविहार का दर्शन करने आये राज्यपाल सत्यपाल मलिक, कहा कहलगांव : विक्रमशिला महाविहार में नालंदा की लगभग क्षमता है. मैं यहां यह देखने आया था कि इसका विकास अब तक क्यों नहीं हुआ. इसे मैंने पहले देखा नहीं था. यहां कनेक्टिविटी (पहुंचने के रास्ते) की दिक्कत है. विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए रुपया आया हुआ है. […]
कहलगांव : विक्रमशिला महाविहार में नालंदा की लगभग क्षमता है. मैं यहां यह देखने आया था कि इसका विकास अब तक क्यों नहीं हुआ. इसे मैंने पहले देखा नहीं था. यहां कनेक्टिविटी (पहुंचने के रास्ते) की दिक्कत है. विक्रमशिला विश्वविद्यालय के लिए रुपया आया हुआ है. जमीन की दिक्कत है. कल सीएम साहब ने भी यह कहा. विक्रमशिला का विकास बड़े पैमाने पर हो और इसकी मार्केटिंग अंतरराष्ट्रीय स्तर पर की जाये, इसका प्रयास करेंगे. मैं विश्वास दिलाता हूं कि इसके विकास के लिए सरकार से बात करूंगा. शुक्रवार को विक्रमशिला महाविहार का दर्शन करने आये बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने उक्त बातें पत्रकारों से कही.
उन्होंने ऐतिहासिक धरोहर को देखने के बाद यहां की विजिटर्स डायरी में भी अपना उद्गार कलमबद्ध किया. लिखा कि क्या साइट है! अविश्वसनीय और अनोखा! इसका प्रचार-प्रसार पूरी दुनिया में होना चाहिए. वे अपने निजी दौरे पर विक्रमशिला पहुंचे थे. वह हेलीकॉप्टर से एनटीपीसी के हेलीपैड पर उतरे. वहां से एनटीपीसी गेस्ट हाउस ‘मानसरोवर’ पहुंचे. वहां से सड़क मार्ग से विक्रमशिला प्राचीन विश्वविद्यालय पहुंचे.
हेलीपैड पर हुआ स्वागत : एनटीपीसी के हेलीपैड पर उतरते ही तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नलिनी कांत झा, प्रतिकुलप्रति डॉ रामयतन प्रसाद,
विक्रमशिला के विकास…
भागलपुर के आइजी सुशील मान सिंह खोपड़े, प्रमंडलीय आयुक्त राजेश कुमार, डीआइजी विकास वैभव, डीएम आदेश तितरमारे, एसएसपी मनोज कुमार व एनटीपीसी के महाप्रबंधक ने बुके देकर उनका स्वागत किया. कुलपति ने अंगवस्त्र से भी सम्मानित किया. विक्रमशिला पहुंचने पर पुरातत्व सहायक अनुराग कुमार ने संरक्षण सहायक रमेश कुमार के साथ राज्यपाल काे बुके भेंट कर उनका स्वागत किया. बिहार पुलिस की ओर से उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया.
विक्रमशिला विजिट के बाद मानसरोवर लौटे राज्यपाल सत्य पाल मलिक को प्रेस क्लब ऑफ इस्टर्न बिहार ने एक ज्ञापन सौंपा. मांग की गयी कि तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय में विक्रमशिला के महान विद्वान दीपंकर श्री ज्ञान अतीश के नाम पर एक पीठ की स्थापना की जाये. इस पर राज्यपाल ने इस दिशा में सार्थक पहल करने का आश्वासन दिया. ज्ञापन सौंपने में क्लब के अध्यक्ष राजीव सिद्धार्थ, महासचिव अनुज शिवलोचन, संयुक्त सचिव गौतम सरकार तथा कोषाध्यक्ष दिलीप कुमार शामिल थे.
एनटीपीसी के अधिकारियों ने किया स्वागत
राज्यपाल को एनटीपीसी के अधिकारियों द्वारा भी सम्मानित किया गया. एनटीपीसी के ओ एंड एम विभाग के महाप्रबंधक एस सरकार तथा मानव संसाधन विभाग के अपर महाप्रबंधक प्रभात राम ने मान सरोवर गेस्ट हाउस पहुंचते ही उन्हें बुके प्रदान करते हुए उनका स्वागत किया.
बहुत अच्छा डिस्प्ले है : वीसी
राज्यपाल सत्य पाल मलिक की अगुआई करते उनके साथ विक्रमशिला पहुंचे तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ नलिनी कांत झा ने राज्यपाल के साथ ही विक्रमशिला म्यूजियम का अवलोकन किया और कहा कि म्यूजियम का डिस्प्ले काफी अच्छा है. उन्होंने बताया कि वे यहां पहली बार आये हैं.
शुक्रवार को खुला विक्रमशिला का म्यूजियम
आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया के निर्देशानुसार प्रत्येक शुक्रवार को म्यूजियम को बंद रखना है. किसी भी हालत में वह नहीं खुलेगा. लेकिन राज्यपाल के विक्रमशिला आगमन के बाद उनके सम्मान में म्यूजियम खोला गया और राज्यपाल ने उसका अवलोकन भी किया. अंतीचक संग्रहालय के पुरातत्व सहायक ने बताया कि राज्यपाल के कार्यक्रम को लेकर म्यूजियम खोलने की अनुमति डायरेक्टर जेनरल से ली गयी थी. कार्यक्रम तय होने पर शुक्रवार होने के कारण म्यूजियम बंद होने की जानकारी जिला प्रशासन को दी गयी. जिला प्रशासन ने पहल करते हुए एएसआइ के डायरेक्टर जेनरल से पत्राचार किया और विशेष परिस्थिति में म्यूजियम का दरवाजा खोलने का आग्रह किया. अंतत: डीजी से सहमति मिलने के बाद म्यूजियम खोला गया और उसका दर्शन राज्यपाल के साथ आये अतिथियों द्वारा भी किया गया.
पूरी दुनिया में विक्रमशिला का होना चाहिए प्रचार-प्रसार
महामहिम का विक्रमशिला भ्रमण
जिज्ञासा ऐसी कि प्रश्न पूछ कर ली जानकारी
12:45 बजे विक्रमशिला उतरते ही वहां का वातावरण देख कर महामहिम राज्यपाल अभिभूत हो गये और वहां के पुरातत्व सहायक अनुराग कुमार से विक्रमशिला के उत्पत्ति, निर्माता और इसके निर्माण की कहानी के बारे में बार-बार पूछा और हर विषय पर संतुष्ट होने तक जानकारी ली. उन्हें ब्रीफ करने के लिए स्थानीय विशेषज्ञ पवन कुमार चौधरी की भी सहायता ली गयी. इससे भी नहीं हुआ, तो डीआइजी विकास वैभव ने खुद कमान संभाली और राज्यपाल को विक्रमशिला के कुछ अनछुए पहलू से अवगत कराया. म्यूजियम के अंदर अनुराग कुमार द्वारा बुद्ध की एक प्रतिमा पर उत्कीर्ण उनके जीवन की सात प्रमुख घटनाओं को विस्तार से बताया. सूर्य की प्रतिमा, नवग्रह पैनल, देवी तारा, उस समय की प्राप्त सामग्री आदि के बारे में जानकारी ली.
विक्रमशिला को अंतरराष्ट्रीय छवि देना जरूरी
विक्रमशिला देखने के बाद मानसरोवर गेस्ट हाउस में राज्यपाल ने पत्रकारों को संबोधित किया. उन्होंने बताया कि विक्रमशिला का म्यूजियम देखकर मैं अभिभूत हूं. यहां की वस्तुएं काफी दुर्लभ हैं. विक्रमशिला को अंतरराष्ट्रीय छवि देना बहुत जरूरी है. वर्तमान में विक्रमशिला अन्य बौद्ध स्थलों से कटा हुआ है. तत्काल इसे सुगम बनाया जाये, ताकि आसानी से लोग आ-जा सकें. उन्होंने विक्रमशिला की वर्तमान स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि मैं सरकार से बात कर इसे इसका वास्तविक स्वरूप दिलाने के लिए प्रयास करूंगा.
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