अब हर साल पांच लाख तक का इलाज करा सकेंगे गरीब मरीज
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गांवों तक पहुंचेगी स्वास्थ्य सेवाएं, मरीजों को सहूलियत
अब हर साल पांच लाख तक का इलाज करा सकेंगे गरीब मरीज हर रोज दो से तीन मरीजों का नि:शुल्क किया जा रहा है डायलसिस भागलपुर : केंद्र सरकार के इस प्रस्तावित बजट के जरिये घोषित की गयी योजनाएं धरातल पर उतरी तो गांव तक के मरीजों को इलाज में काफी सुविधा मिलेगी. हेल्थ केयर […]
हर रोज दो से तीन मरीजों का नि:शुल्क किया जा रहा है डायलसिस
भागलपुर : केंद्र सरकार के इस प्रस्तावित बजट के जरिये घोषित की गयी योजनाएं धरातल पर उतरी तो गांव तक के मरीजों को इलाज में काफी सुविधा मिलेगी. हेल्थ केयर प्रोटेक्शन के तहत देश के 10 करोड़ गरीब परिवार(करीब 50 करोड़ मरीज) हर साल राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत पांच लाख रुपये तक का इलाज नि:शुल्क करा सकेंगे. पहले यह सीमा 30 हजार रुपये सालाना प्रति वर्ष थी.
गरीबों का मुफ्त डायलसिस
बजट 2018 में गरीब मरीजाें के लिए मुफ्त डायलसिस की व्यवस्था की गयी है. मायागंज हॉस्पिटल में सरकारी डायलसिस सेंटर पर जहां हर रोज दो से तीन मरीजों का नि:शुल्क डायलसिस किया जा रहा है तो मेडिसिन वार्ड में स्थापित पीपीपी मोड पर संचालित डायलसिस सेंटर पर एक मरीज के डायलसिस पर 1500 रुपये प्रति मरीज का भुगतान करना पड़ता है. निजी अस्पतालों में एक डायलसिस के लिए मरीज को पांच से आठ हजार रुपये खर्च करना पड़ता है.
् मायागंज हॉस्पिटल में हर माह करीब 50 से 60 किडनी के ऐसे बीमार जांच में पाये जाते हैं, जिन्हें डायलसिस की तुरंत जरूरत पड़ती है.
टीबी मरीजों को पोषण के लिए मिलेंगे हर माह 500 रुपये
टीबी मरीजों को हर माह पौष्टिक भोजन करने के लिए 500 रुपये प्रति मरीज का प्रावधान इस बजट में दिया गया है. टीबी रोग विशेषज्ञ डॉ अशरफ रिजवी बताते हैं कि अकेले भागलपुर में हर साल करीब 2900 टीबी के नये मरीज चिह्नित किये जाते हैं. यह पहल टीबी की बीमारी को साल 2030 तक खत्म किये जाने का सपना स्वास्थ्य विभाग पूरा कर सकेगा.
गरीब मरीजों का होगा घर पर ही इलाज
बजट में देश में डेढ़ लाख हेल्थ वेलनेस सेंटर खोले जाने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए 1200 करोड़ रुपये का बजट भी प्रावधान कर दिया गया है. अगर भागलपुर में इस तरह के डेढ़ दर्जन सेंटर ही खुल गये तो सुदूर गांव में रहने वाली गरीब आबादी को घर बैठे बीमारियों का मुफ्त जांच-इलाज मिलेगा. हर तीन लोकसभा क्षेत्र में एक मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल व सदर हॉस्पिटल को अपग्रेड किये जाने का प्रावधान इस बजट में है. इससे एक अस्पताल पर मरीजों का लोड नहीं रहेगा.
बोले चिकित्सक
देश के 10 करोड़ गरीब परिवारों को पांच लाख रुपये का इलाज मुफ्त किया जाना, गरीबों के लिए राहत भरा कदम साबित होगा. गरीब तबके से जुड़े कैंसर व ह्रदय रोगियों के लिए सरकार की यह पहल एक वरदान की तरह साबित होगा.
डॉ संजय सिंह, उपाध्यक्ष आइएमए बिहार
हेल्थ वेलनेस सेंटर के जरिये सुदूर गांवों में रहने वाली बड़ी आबादी को मुफ्त जांच-इलाज की पहल बेहतरीन है. मातृत्व मृत्यु दर पर लगाम कसे जाने के लिए बजट में स्पष्ट उल्लेख नहीं है. जबकि आज भी भागलपुर में हर एक लाख की आबादी पर करीब 200 माएं अपनी जान गंवा रही हैं.
डॉ दिव्या सिंह, स्त्री रोग विशेषज्ञ सह आजीवन सदस्य आइएमए, भागलपुर
हर साल भागलपुर में टीबी के करीब तीन हजार मरीज चिह्नित होते हैं. ऐसे में टीबी के मरीजों के लिए पोषण के नाम पर 500 रुपये दिये जाने की घोषणा, बेहतरीन पहल है. इसके जरिये साल 2030 तक टीबी को जड़ से समाप्त किये जाने के सपने को पूरा किया जा सकेगा.
डॉ विनय कुमार झा, चिकित्सा पदाधिकारी आरएनटीसीपी जेएलएनएमसीएच
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