हाल स्मार्ट सिटी योजना का
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बिना प्लानिंग खर्च कर दिये पांच करोड़
हाल स्मार्ट सिटी योजना का छह माह पूर्व स्मार्ट सिटी लिमिटेड के खाते में आये हैं 283 करोड़ रुपये भागलपुर : शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड के खाते में 1305 करोड़ रुपये में 283 करोड़ रुपये तो आ गये, लेकिन अभी तक मात्र पांच से छह करोड़ रुपये ही खर्च […]
छह माह पूर्व स्मार्ट सिटी लिमिटेड के खाते में आये हैं 283 करोड़ रुपये
भागलपुर : शहर को स्मार्ट सिटी बनाने के लिए स्मार्ट सिटी लिमिटेड के खाते में 1305 करोड़ रुपये में 283 करोड़ रुपये तो आ गये, लेकिन अभी तक मात्र पांच से छह करोड़ रुपये ही खर्च किये गये हैं. उस पर भी जो पैसे खर्च कर सुविधा दी गयी, वह रखरखाव के अभाव में बर्बाद हो रहे हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि पांच माह से स्मार्ट सिटी योजना पर कोई नया काम नहीं हो रहा है.
पांच माह पहले तत्कालीन नगर आयुक्त सह सीइओ अवनीश कुमार सिंह ने जो निर्णय लिये और जो सामान खरीद की है, वह सामान धीरे-धीरे आ रहा है. नये नगर आयुक्त सह सीइओ की पीडीएमसी के साथ बैठक हुई और उन्होंने कई निर्देश भी दिये हैं. लेकिन छह माह से किसी बड़ी योजना पर काम नहीं हुआ है, साथ ही किसी योजना पर कोई रूपरेखा तैयार नहीं की गयी है.
ओपन जिम से लेकर बॉयो टाॅयलेट की स्थिति खराब : स्मार्ट सिटी योजना के तहत सैंडिस कंपाउंड से लेकर लाजपत पार्क में लगाये गये झूले और ओपेन जिम की स्थिति ठीक नहीं है. सैंडिंस में लगाये गये ओपेन जिम की आठ में से तीन उपकरण टूट गये हैं. उसके बगल में बच्चाें के लिए लगाये गये झूले पर युवाओं का कब्जा रहता है. वहीं छह माह पहले तिलकामांझी से कचहरी मार्ग में लगाये गये करीब एक दर्जन बायो यूरिनल रखरखाव के अभाव में एक माह में ही खराब हो गये.
दो माह से एक करोड़ से अधिक का गाद निकालने वाला सामान फांक रहा धूल
स्मार्ट सिटी योजना से शहर के बड़े से छोटे नाला की सफाई के लिए सेल्टिंग मशीन और उसके टैंक की खरीद की गयी जिसकी कीमत 80 लाख से एक करोड़ के बीच है. लेकिन इसका उपयोग अब तक नहीं किया जा रहा है और वह निगम परिसर की शोभा बढ़ा रहा है. शहर की सड़कों को साफ करने के लिए धूल झाड़ने वाली मशीन भी मंगायी गयी है, लेकिन उससे सफाई नहीं हो रही है.
स्मार्ट सिटी योजना फंड से खरीदे गये सामान
À सैंडिंस कंपाउंड और लाजपत पार्क के ओपन जिम के उपकरण
À स्वीपिंग मशीन
À डेकाेरेटिव बैंच
À चिल्ड्रेन पार्क में झूला
À स्वीपिंग मशीन 2
À निगम गोदाम में कूड़ा से कंपोस्ट बनाने वाली मशीन
À सैंडिस मैदान में ओपन जिम और बच्चों के लिए झूला
À सेल्टिंग मशीन दो बड़ा टैंक, दो छोटा वाला टैंक और मशीन
À तिलकामांझी और समाहरणालय में लगी दो एलइडी स्क्रीन
À वार्ड में सीसीटीवी कैमरे लगने का काम शुरू
À चौक-चौराहों पर लगाये जा रहे कैमरे
À स्टील कचरा डस्टबीन, लोहे का 10 डस्टबीन
À कूड़ा उठाने और उसे कंपेक्ट करने के लिए दो कंपेक्टर मशीन
स्मार्ट चौराहे भी हुए बदहाल
भागलपुर शहर स्मार्ट सिटी में शामिल है. यहां तिलकामांझी चौक को स्मार्ट चौराहे के रूप में डेवलप किया गया था. यह चौराहा डेवलप करने के पांच माह बाद ही दम तोड़ने लगा है. यानी स्मार्ट सिटी का इंट्रोड्यूसिंग वर्क ही हाथ खड़ा कर गया है. यहां ऑटोमेटिक ट्रैफिक सिग्नल, रोड डिवाइडर आदि लगाये गये थे.
पांच माह बाद ही लोहे के रोड डिवाइडर बाएं-दाएं झुक गये हैं. दुर्घटना की आशंका हर समय बनी रहती है. यहां पहुंचनेवाले रास्ते पर स्टॉप प्वाइंट पर तीन तरफ गड्ढे हैं. सबौर रोड की तरफ, एसएसपी आवास की तरफ और मनाली चौक की तरफ. यहां वाहन चालकों को परेशानी होती है.
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