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करोड़ों की फर्जी निकासी में आये चार नये नाम

सृजन घोटाला. भू-अर्जन, कल्याण व नजारत शाखा मामले में चार्जशीट दाखिल भागलपुर : सात अगस्त सृजन घोटाले का पर्दाफाश होने पर सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इनमें कई नाम तो ऐसे आ रहे हैं, जिसे एसआइटी ने गिरफ्तार किया था और वे जेल में बंद हैं. कई अन्य आरोपित का नाम सामने आया, […]

सृजन घोटाला. भू-अर्जन, कल्याण व नजारत शाखा मामले में चार्जशीट दाखिल

भागलपुर : सात अगस्त सृजन घोटाले का पर्दाफाश होने पर सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल कर दिया है. इनमें कई नाम तो ऐसे आ रहे हैं, जिसे एसआइटी ने गिरफ्तार किया था और वे जेल में बंद हैं. कई अन्य आरोपित का नाम सामने आया, जो एसआइटी की जांच एजेंसी की जद में नहीं आये थे. इसमें एक नया नाम तौफिर कासिम का आ रहा है. नजारत शाखा के फर्जी निकासी की जांच के दौरान सीबीआइ ने मनोरमा देवी के चालक विनोद कुमार के अलावा तौफिर कासिम को आरोपित बनाया है. बताया जाता है कि ताैफिर कासिम नाम का व्यक्ति समाहरणालय में कर्मचारी के तौर पर भी काम नहीं किया है. पुलिस के आला पदाधिकारियों ने बताया कि एसआइटी जांच में उन्होंने सरकारी कर्मी, बैंक कर्मी व दोनों के बीच के बिचौलिये की पड़ताल की थी, इसमें तौफिर कासिम की चर्चा नहीं हुई थी.
सात अगस्त को नजारत शाखा की निकासी पर हुआ था एफआइआर : सृजन मामले की प्राथमिकी दर्ज होने की शुरुआत सात अगस्त को हुई थी. नजारत शाखा सहित 10 अलग-अलग मामला दर्ज हुआ था. सरकार ने 18 अगस्त को सीबीआइ जांच की सिफारिश की थी. केंद्र सरकार ने सीबीआइ जांच से संबंधित अधिसूचना 21 अगस्त को जारी की. 26 अगस्त को सीबीआइ की टीम भागलपुर पहुंची और एसएसपी से मुलाकात की. 27 अगस्त को सीबीआइ की टीम ने वरीय पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक की और कागजात की पड़ताल की.
भू अर्जन व कल्याण विभाग के कर्मियों को नहीं मिला वेतन : सृजन घोटाले के कारण भू अर्जन विभाग व कल्याण विभाग के कर्मियों के सामने आर्थिक संकट आ गया है. भू अर्जन विभाग के कर्मी को अगस्त से लेकर अब तक वेतन नहीं मिला है. विभाग का नाजिर गिरफ्तार होने व महालेखाकार की ऑडिट होने के कारण खाता फ्रिज है. हाल में डीएम के निर्देश पर वेतन को लेकर ढील भी दी गयी तो कार्यालय का इंटरनेट कनेक्शन कटा है. इससे वेतन का बिल ऑनलाइन सबमिट नहीं हो रहा है. कल्याण विभाग में भी नाजिर महेश मंडल की मौत के कारण वहां पर पद खाली है. स्थापना देख रहे कर्मी को नाजिर का प्रभार देने का मामला लंबित है. विभाग का निकासी व व्ययन पदाधिकारी के नहीं रहने पर उनके वेतन भी नहीं निकल सके हैं.
कल्याण शाखा
सूचक : अरुण कुमार, जिला कल्याण पदाधिकारी, भागलपुर
आरोप : बैंक ऑफ बड़ौदा के तत्कालीन व वर्तमान शाखा प्रबंधक और सृजन समिति के सभी पदधारकों के द्वारा जालसाजी पूर्ण तरीके से मोटी रकम की निकासी.
अवैध निकासी की रकम : छह करोड़ रुपये.
किस मद की थी राशि : प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति
इन केस पर चार्जशीट (नजारत शाखा)
सूचक : अमरेंद्र कुमार यादव, नाजिर, नजारत शाखा, भागलपुर
आरोप : इंडियन बैंक (पटल बाबू रोड, भागलपुर) में स्थित खाते का बैंक व सृजन द्वारा जालसाजीपूर्ण तरीके से अवैध निकासी.
अवैध निकासी की रकम : 12 करोड़ 20 लाख 15 हजार 75
किस मद की थी राशि : मुख्यमंत्री नगर विकास योजना
सीबीआइ ने बनाया जिन्हें आरोपित
तौफिर कासिम, बैंक ऑफ बड़ौदा के शाखा प्रबंधक शरफुद्दीन व इंदु गुप्ता, पूर्व भू अर्जन पदाधिकारी राजीव रंजन सिंह.

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