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कवियों की वेदना जगाती है कविता

डॉ तपेश्वर नाथ द्वारा लिखी गयी पुस्तक रूपकावली कवितावली व लघुकथाएं का लोकार्पण भागलपुर : हंस कुमार तिवारी साहित्यकार सांस्कृतिक मंच के बैनर तले मंगलवार को तिलकामांझी लालबाग स्थित सुनीता सदन में टीएमबीयू के पीजी हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ तपेश्वर नाथ द्वारा लिखी गयी पुस्तक रूपकावली कवितावली व लघुकथाएं का लोकार्पण किया गया. […]

डॉ तपेश्वर नाथ द्वारा लिखी गयी पुस्तक रूपकावली कवितावली व लघुकथाएं का लोकार्पण

भागलपुर : हंस कुमार तिवारी साहित्यकार सांस्कृतिक मंच के बैनर तले मंगलवार को तिलकामांझी लालबाग स्थित सुनीता सदन में टीएमबीयू के पीजी हिंदी विभाग के पूर्व विभागाध्यक्ष डॉ तपेश्वर नाथ द्वारा लिखी गयी पुस्तक रूपकावली कवितावली व लघुकथाएं का लोकार्पण किया गया. इस अवसर पर लोकार्पणकर्ता व सम्मानित अतिथि डॉ राजेंद्र पंजियार ने कहा कि कविता व गीतों की रचना कवियों की वेदना को जगाती है. उन्होंने कहा कि यह पुस्तक एक रचनात्मक व सृजनात्मक साहित्य है. स्वामी अागमानंद जी महाराज ने पुस्तक को छात्र-छात्राओं के लिये प्रेरणादायक व मार्गदर्शक बताया.
छात्रों के लिए लाभदायक है पुस्तक : डॉ नृपेंद्र
डॉ नृपेंद्र प्रसाद वर्मा ने साहित्य की महत्ता पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि साहित्य एक आईना की तरह है. समाज को नयी रोशनी देने का काम करता है. डीएसडब्ल्यू डॉ मधुसूदन झा ने भी साहित्य पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए पुस्तक को छात्रों के लिए लाभदायक बताया.
चुनौती के रूप में आयी है पुस्तक : डॉ तपेश्वर
साहित्यकार डॉ तपेश्वर नाथ ने अपने अनुभव व भावनाओं को व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि छात्रों की प्रेरणा के प्रतिफल स्वरूप एक चुनौती के रूप में उनकी यह पुस्तक सामने आयी है. कार्यक्रम को कुलगीतकार आमोद कुमार मिश्र, छोटे लाल मंडल, डॉ छेदी साह आदि ने भी संबोधित किया. संचालन संस्था के महासचिव राजकुमार ने किया. इस अवसर पर जगदीश प्रसाद यादव, कपिलदेव, जयंत जलद, शशि भूषण मिश्रा आदि उपस्थित थे.

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