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आयकर विभाग ने करायी जमीन रजिस्ट्री, बनेगा अपना भवन

भागलपुर : आयकर विभाग का जल्द ही अपना भव्य भवन बनेगा. विभाग ने गुरुवार को हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, बरारी (वार्ड-29) में खंड संख्या-चार में 78408 वर्गफीट अपने नाम जमीन की रजिस्ट्री करवा ली है, जहां विभागीय औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद विभाग का भव्य भवन खड़ा हो सकेगा. लंबे अरसे से किराये के भवन […]

भागलपुर : आयकर विभाग का जल्द ही अपना भव्य भवन बनेगा. विभाग ने गुरुवार को हाउसिंग बोर्ड कॉलोनी, बरारी (वार्ड-29) में खंड संख्या-चार में 78408 वर्गफीट अपने नाम जमीन की रजिस्ट्री करवा ली है, जहां विभागीय औपचारिकताओं को पूरा करने के बाद विभाग का भव्य भवन खड़ा हो सकेगा. लंबे अरसे से किराये के भवन में आयकर विभाग का कार्यालय चल रहा है.
न केवल दफ्तर होगा, बल्कि आवासीय सुविधा भी होगी. हाउसिंग बोर्ड, बरारी में आयकर विभाग के अपने भव्य भवन में न केवल दफ्तर होगा, बल्कि आवासीय सुविधा भी होगी. आयकर भवन की जमीन के लिए लगभग 10 साल पहले एक करोड़ से ज्यादा का भुगतान किया गया था. मगर, जमीन का आवंटन नहीं मिला था. सूत्र की मानें, तो आयकर भवन के निर्माण पर लगभग 22 करोड़ रुपये तक खर्च होंगे. यहां आयकर आयुक्त, संयुक्त आयुक्त के अलावा आयकर के अन्य 10 अधिकारियों के आवास होंगे.

वर्तमान में पुलिस लाइन के नजदीक, कचहरी चौक व पटल बाबू रोड स्थित कार्यालय है. यह सभी कार्यालय भवन बनने के बाद उसमें शिफ्ट हो जायेगा. सूत्र की मानें, तो आयकर भवन का निर्माण सेंट्रल पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट करायेगा. आयकर के भागलपुर मुख्यालय के अंतर्गत 15 जिले हैं. लेकिन विभाग को अपना भवन नहीं है. किराया पर कार्यालय चल रहा है. सूत्र की मानें, तो हरेक माह लगभग तीन लाख रुपये तक किराया देना पड़ता है.

आयकर अफसरों की टीम ने रजिस्ट्री ऑफिस में की जांच
गुरुवार को आयकर विभाग की आइएनसीआइ टीम ने रजिस्ट्री कार्यालय पहुंचकर जांच की. तीन सदस्यीय टीम ने जांच किया कि डायरेक्टर ऑफ इन्वेस्टिगेशन को रिपाेर्ट भेजी गयी है या नहीं. रिपोर्ट भेजी गयी है, तो सही है या नहीं. दरअसल, 30 से ऊपर होने वाली रजिस्ट्री की रिपोर्ट भेजनी होती है. अधिकारियों ने कागजातों को भी खंगाला. इस दौरान कंप्यूटर में दर्ज रजिस्ट्री और आॅनलाइन अपलोड रिपोर्ट की भी जांच की. इस जांच में एआइआर (एनुवल इनकम रिपोर्ट) के कागजातों की भी जांच की गयी. रजिस्ट्री कार्यालय के वार्षिक आय रिटर्न और वर्तमान के स्टेटमेंट ऑफ फाइनेंसियल ट्रांजेक्शन के कागजातों की भी जांच हुई. सूत्र की मानें, तो विभाग द्वारा मई तक फाइल कर देना चाहिए थी लेकिन अभी तक नहीं फाइल की गयी. सूत्रों के अनुसार अगर इसमें अनियमितता पायी गयी, तो जिम्मेदार पर जुर्माना लगाया जा सकता है.

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