भागलपुर: तिलकामांझी भागलपुर विश्वविद्यालय का रिजल्ट ससमय देने व सत्र नियमित करने का दावा कागज पर ही चल रहा है, लेकिन हकीकत कुछ और ही बयां कर रही है. पीजी सत्र 2015-17 के सेमेस्टर वन की कॉपी का मूल्यांकन पैसे के अभाव में अबतक शुरू नहीं हो सका है. 32 पीजी विभागों के पांच हजार से अधिक छात्रों का रिजल्ट अटक गया है. परीक्षा के लगभग दो माह बीत चुके हैं. विवि से पीजी विभागों को कॉपी मूल्यांकन कराने के लिए अबतक राशि नहीं भेजी गयी है. विवि अधिकारी का कहना है कि मूल्यांकन की राशि की फाइल वित्तीय पदाधिकारी कार्यालय में बढ़ा दी गयी है. फाइल बढ़ने के बाद ही आगे की प्रक्रिया शुरू की जायेगी.
पीजी अंग्रेजी विभाग के हेड प्रो सिया राम राय ने बताया कि परीक्षा समाप्त होने के बाद से कॉपी विभाग में रखी है. कॉपी मूल्यांकन के लिए विवि से राशि अबतक विभाग को प्राप्त नहीं हुई है. कॉपी मूल्यांकन में संभावित 30 से 35 हजार रुपये खर्च आते हैं. कॉपी जांच कराने के लिए बाहर से शिक्षकों को बुलाया जाता है. कॉपी मूल्यांकन व हॉल्टेज देना होता है. विवि के अन्य पीजी विभागों के हेड ने भी बताया कि कॉपी जांच कराने के लिए विवि से राशि नहीं मिली है. शनिवार को पीजी सेमेस्टर वन के छात्र रिजल्ट प्रकाशन की तिथि जानने विवि पहुंचे थे. परीक्षा विभाग के अधिकारी रिजल्ट जारी करने की बताने से इंकार दिया. परीक्षा नियंत्रक डॉ पवन कुमार सिन्हा ने बताया कि कॉपी मूल्यांकन संबंधित फाइल वित्तीय अधिकारी के यहां बढ़ा दी गयी है. कार्यालय से ही सारी प्रक्रिया पूरा होने में देरी हो रही है. फाइल आने के बाद पीजी विभागों को मूल्यांकन की राशि भेज दी जायेगी.