एडीजी के पत्र को देखकर यह कहा जा सकता है कि काली पूजा विसर्जन को लेकर मुख्यालय ने थानेदार से लेकर आइजी स्तर के अधिकारी तक की भूमिका तय कर दी है. डीआइजी और आइजी को पुलिस मुख्यालय की अनुमति के बिना अपने-अपने मुख्यालय को छोड़ने से मना किया गया है.
- एडीजी लॉ एंड ऑर्डर ने अपने पत्र में ये निर्देश दिये हैं
- सांप्रदायिक रूप से संवेदनशील जगहों, असामाजिक तत्वों की पहचान कर उनके खिलाफ निवारक कार्रवाई करें
- जिन जगहों पर पहले इस तरह की घटनाएं हुई हैं वहां सीनियर अधिकारी जायें और उचित कार्रवाई करें
- थानाध्यक्षों द्वारा भौतिक निरीक्षण करने के बाद ही जुलूस के लिए लाइसेंस जारी किया जाये
- सभी जुलूस को स्कॉर्ट किया जायेगा और सभी शर्तें लाइसेंस में ही लिख दी जाये
- संवेदनशील इलाके में जुलूस की वीडियोग्राफी करायी जाये
- धार्मिक स्थलों के पास से जुलूस के गुजरते समय अतिरिक्त सावधानी बरती जाये
- पहले की घटनाओं में शामिल लोगों को सर्विलांस पर रखा जाये
- शांति समिति की बैठक करायी जाये
- शराबबंदी को कड़ाई से लागू किया जाये ताकि किसी तरह की घटनाओं को होने से रोका जा सके
- संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को प्रतिनियुक्त किया जाये
- लॉ एंड ऑर्डर को बनाये रखने केे लिए थानाध्यक्ष और वहां मौजूद मजिस्ट्रेट जिम्मेवार होंगे
- त्योहार के दौरान 24 घंटे वायरलेस को कार्यरत रखना है, पदाधिकारियों के पास मोबाइल और वायरलेस सेट होना चाहिए
- किसी घटना के बाद मुख्यालय की मदद चाहिए तो तुरंत मुख्यालय को सूचित किया जाये
- डीजीपी की पूर्व अनुमति के बिना जिला पुलिस, रेंज और जोनल पुलिस अधिकारी मुख्यालय नहीं छोड़ेंगे, रेंज और जोनल पुलिस अधिकारी परिस्थितियों पर बारीक नजर रखेंगे
- छुट्टियों और ट्रेनिंग पर जाने से संबंधित पहले के सभी आदेश रद्द किये गये
- इस खबर में पहले से दिये गये दुर्गा पूजा को लेकर मांगी गयी रिपोर्ट से संबंधित खबर को लगा सकते है