पंचायती राज पदाधिकारी कल्याण व डीटीओ निभा रहे डीडीसी की भूमिका
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सृजन का फर्जीवाड़ा प्रभार पर चल रहा जिला, वेतन के भी लाले
पंचायती राज पदाधिकारी कल्याण व डीटीओ निभा रहे डीडीसी की भूमिका विकास कार्य को लेकर भू अर्जन सामान्य खर्च को लेकर नजारत से राशि की निकासी बंद भागलपुर : जिला का कामकाज सृजन घोटाले की भेंट चढ़ चुका है. कई अहम पदों पर किसी की नियुक्ति नहीं हो पायी हैं. उप विकास आयुक्त व नगर […]
विकास कार्य को लेकर भू अर्जन सामान्य खर्च को लेकर नजारत से राशि की निकासी बंद
भागलपुर : जिला का कामकाज सृजन घोटाले की भेंट चढ़ चुका है. कई अहम पदों पर किसी की नियुक्ति नहीं हो पायी हैं. उप विकास आयुक्त व नगर आयुक्त का पद प्रभार में चल रहा है, मगर वह भी आधा-अधूरा ही है. इन प्रभारी पदाधिकारियों के पास वित्तीय शक्ति नहीं है. इस कारण संबंधित पद के अधीन विभागीय कामकाज ठप है. घोटाले की चपेट में आये भू-अर्जन व नजारत शाखा में लगातार ऑडिट चलने से काम बंद है. उक्त तमाम विभागों में कार्यरत कर्मी को भी पिछले दो महीने से वेतन नसीब नहीं हुआ है.
छात्रों को छात्रवृत्ति मिलना बंद : कल्याण विभाग. जिला कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार के सृजन घोटाले में आरोपित बनने से विभाग से छात्रवृत्ति वितरण बंद है. प्रभारी के रूप में जिला पंचायती राज पदाधिकारी अपूर्व कुमार मधुकर ने मुख्यालय को वित्तीय शक्ति देने का पत्र भी भेजा. इस पत्र पर मुख्यालय ने कोई निर्देश दिया और कोई नये पदाधिकारी की पोस्टिंग भी नहीं की है.
उप विकास आयुक्त के अधीन कामकाज प्रभावित. उप विकास आयुक्त अमित कुमार के चले जाने के बाद एडीएम हरिशंकर प्रसाद तथा वर्तमान में डीटीओ राजेश कुमार को प्रभार मिला है. मगर डीटीओ को वित्तीय प्रभार नहीं मिलने से ग्रामीण विकास से जुड़ी तमाम योजनाएं प्रभावित हो गयी हैं. मनरेगा सहित अन्य योजना की मॉनीटरिंग भी सही से नहीं की जा रही है.
सरकार को जिले में तमाम खाली पड़े पदों के बारे में पत्र लिखा गया है. नगर आयुक्त, उप विकास आयुक्त जैसे पद प्रभार के तौर पर हैं. एडीएम व एसडीसी के भी पद खाली हैं.
आदेश तितरमारे, डीएम
अपनी जेब से खर्च करके खरीद रहे कलम
जिले में भूमि अर्जन के लिए लंबित पड़े विकास कार्य रुके हुए हैं. विभाग का अधिकांश बजट सृजन घोटाले की भेंट चढ़ गया है. पीरपैंती थर्मल प्लांट का तो पूरा बजट ही चला गया. विभाग से एनएच-80 के समानांतर फोर लेन सहित तमाम पुल व संपर्क मार्ग के जमीन अधिग्रहण करने की प्रक्रिया भी प्रभावित है. दूसरी तरफ विभाग के सामान्य खर्च भी बंद हैं. हालत यह है कि कर्मचारियों को अपनी जेब से कलम खरीद कर कार्यालय का काम चलाना पड़ रहा है.
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