भागलपुर : अगरपुर हादसे में जेल में बंद सीनियर इंजीनियर अजय कुमार के परिजन ने फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने निर्दोष को फंसाया है. इंजीनियर कुमार की ड्यूटी घटना के दिन नहीं थी, बल्कि पूर्व रात यानी, बीते शनिवार को रात 10 बजे से रविवार सुबह छह बजे तक […]
भागलपुर : अगरपुर हादसे में जेल में बंद सीनियर इंजीनियर अजय कुमार के परिजन ने फ्रेंचाइजी कंपनी बीइडीसीपीएल के अधिकारियों पर आरोप लगाया है कि उन्होंने निर्दोष को फंसाया है. इंजीनियर कुमार की ड्यूटी घटना के दिन नहीं थी, बल्कि पूर्व रात यानी, बीते शनिवार को रात 10 बजे से रविवार सुबह छह बजे तक थी. घटना एक अक्तूबर यानी, रविवार शाम की है. घटना के वक्त उनकी ड्यूटी स्टेशन चौक पर थी. कंपनी ने घटना के जिम्मेदार को बचाने की कोशिश की है.
अजय की पत्नी इंदु देवी के भाई रमेश कुमार ने पुलिस से मामले की जांच कराने की मांग की है. उन्होंने बताया कि एजीएम विश्वजीत विश्वास द्वारा ड्यूटी चार्ज बनाया गया था. सारी जवाबदेही उनकी थी. उन्होंने आरोप लगाया कि घटना के ठीक कुछ देर बाद उन्हें फोन कर तुरंत अाने को कहा और नहीं आने पर नौकरी से निकालने की धमकी दी गयी.
अजय के पहुंचते ही उन्हें पुलिस हिरासत में ले लिया गया. उन्होंने आरोप लगाया कि हिरासत में लगभग 60 घंटे तक रखा. इस दौरान परिजनों को मिलने तक नहीं दिया गया. कंपनी के अधिकारी भी बहानेबाजी करते रहे.
ऊर्जा विभाग को भेजी रिपोर्ट
फ्रेंचाइजी कंपनी की कार्यशैली पर इलेक्ट्रिक सप्लाइ एरिया, भागलपुर (बेसा) नजर बनाये हुए है. बेसा ने गुरुवार की देर शाम अपनी रिपोर्ट साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड(एसबीपीडीसीएल) को भेज दी है. इसमें गड़बड़ायी आपूर्ति व्यवस्था के अलावा अगरपुर की घटना, गोराडीह में स्विच बोर्ड ऑपरेटर की करंट से मौत, इसके बाद परिजनों व लाइनमैन द्वारा खरमनचक बिजली ऑफिस में मुआवजा की मांग को लेकर चार घंटे तक शव रखकर प्रदर्शन, उपभोक्ताओं द्वारा कंपनी के महाप्रबंधक विनोद असवाल की पिटाई आदि घटनाओं को रिपोर्ट में शामिल किया गया है. सूत्र की मानें, तो रिपोर्ट फ्रेंचाइजी कंपनी के विरोध में है, जिस पर अगर संज्ञान लिया जाये, तो बीइडीसीपीएल पर कार्रवाई हो सकती है.