कहलगांव : जल संसाधन विभाग के चीफ इंजीनियर अरुण कुमार ने दावा किया कि एनटीपीसी कहलगांव ने बटेश्वर गंगा पंप नहर परियोजना के मुख्य केनाल के अंडरपास निर्माण के लिए एनओसी नहीं ली थी.
इस अंडरपास से आगे के अंडरपास के लिए एनटीपीसी ने विभाग से एनओसी ली थी. चीफ इंजीनियर ने बताया कि अंडरपास के निर्माण मे रिटर्निंग वाल नहीं बनाया गया था. वर्ष 2005 में ही विभाग के कार्यपालक अभियंता ने एनटीपीसी प्रबंधन को पत्र लिखकर इस अंडरपास मे रिंटर्निग वाल व विंग वाल का निर्माण कराने को कहा था. इसके अभाव मे अंडरपास-केनाल के ढलान स्थल पर मिट्टी टिक नहीं पा रही है.
खामियों का होगा बारीकी से अध्ययन : चीफ इंजीनियर ने बताया कि विभाग की डिजाइन विंग ध्वस्त केनाल का निरीक्षण कर उसमें क्या खामियां थीं, उसका बारीकी से अध्ययन करेगी. उसके बाद ध्वस्त केनाल की नयी डिजाइनिंग यानी पीसीसी लाइन द्वारा मरम्मत करायी जायेगी. फिलहाल विभाग द्वारा यहां मरम्मत का काम कराया जा रहा है. सौ हाइवा स्टोन डस्ट दो जेसीबी की सहायता से ध्वस्त भाग पर दिया जा रहा है.
एनटीपीसी ने किया था एनओसी लेने का दावा : जल संसाधन विभाग के आरोप पर गुरुवार को एनटीपीसी प्रबंधन की ओर से जारी विज्ञप्ति में कहा गया था कि एनओसी लेने के बाद ही एनटीपीसी ने अंडरपास का निर्माण कराया था.
बोले चीफ इंजीनियर
ध्वस्त हुए अंडरपास से आगे के अंडरपास के लिए ली गयी थी एनओसी
वर्ष 2005 में विभाग ने एनटीपीसी को अंडरपास मे रिंटर्निग वाल व विंग वाल निर्माण कराने को कहा था
अब नयी डिजाइनिंग यानी पीसीसी लाइन से कराया जायेगा मरम्मत का काम