भागलपुर: जिला के सभी मनरेगा कर्मियों ने सामूहिक रूप से इस्तीफा दे दिया है. ग्रामीण विकास विभाग के प्रधान सचिव को भेजे त्यागपत्र में सभी मनरेगा कर्मियों ने योजनाओं की जांच के नाम पर वरीय पदाधिकारियों द्वारा भयादोहन का आरोप लगाया है. इस्तीफा देने वालों में कार्यक्रम पदाधिकारी (पीओ), लेखापाल, कनीय अभियंता (जेइ), पंचायत रोजगार सेवक (पीआरएस), पंचायत तकनीकी सहायक (पीटीए) व कंप्यूटर ऑपरेटर के नाम शामिल हैं.
सामूहिक इस्तीफा में उक्त सभी मनरेगा कर्मियों का कहना है कि जिला के वरीय पदाधिकारियों व लोकपाल के मनमाने व अव्यावहारिक निर्णय से व्यथित होकर सामूहिक त्यागपत्र दे रहे हैं. इन पदाधिकारियों का उनके प्रति हमेशा ही नकारात्मक रुख रहता है. जांच के क्रम में जबरन खामियां निकाली जाती है, ताकि कर्मचारियों का भयादोहन करने की उनकी मंशा पूरी हो सके.
उनका कहना है कि एक तरफ मनरेगा कर्मियों को त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था के तहत सभी सदस्यों का दबाव ङोलना पड़ता है वहीं दूसरी ओर इन पदाधिकारियों व लोक पाल द्वारा अपेक्षा की पूर्ति के लिए दबाव बनाया जाता है. उन्हें उपेक्षा की नजर से देखा जाता है और अपमानजनक व्यवहार किया जाता है.
पंचायत रोजगार सेवक संघ के अध्यक्ष विपिन बिहारी ने बताया कि जांच के नाम पर भयादोहन से तंग आ कर ही सभी मनरेगा कर्मियों ने सामूहिक तौर पर इस्तीफा दिया है. इस इस्तीफे की एक प्रति डीएम को भेजते हुए उनसे संबंधित अभिलेख व अन्य कागजात समर्पित करने के लिए निर्देश मांगा गया है. इस संबंध में पूछने पर डीडीसी राजीव प्रसाद सिंह रंजन ने कहा कि देर शाम उन्हें इस संबंध में सूचना मिली है. उनके पास किसी ने लिखित या मौखिक जानकारी नहीं दी है.