कल्याण विभाग के तीन वर्ष के दिये पैसे सृजन समिति में हजम
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पदाधिकारी व नाजिर ने एससी-एसटी व पिछड़े वर्ग की छात्रवृत्ति राशि को डकारा
कल्याण विभाग के तीन वर्ष के दिये पैसे सृजन समिति में हजम नाजिर ने बैंकर्स चेक के एडवाइस में पदाधिकारी का किया फर्जी साइन विभाग से निकले एडवाइस पत्र का इश्यू रजिस्टर में जिक्र नहीं भागलपुर : सरकार के अनुसूचित जाति-जनजाति व पिछड़े वर्ग के छात्रों के कल्याण को लेकर दिये बजट से लाभुक छात्रों […]
नाजिर ने बैंकर्स चेक के एडवाइस में पदाधिकारी का किया फर्जी साइन
विभाग से निकले एडवाइस पत्र का इश्यू रजिस्टर में जिक्र नहीं
भागलपुर : सरकार के अनुसूचित जाति-जनजाति व पिछड़े वर्ग के छात्रों के कल्याण को लेकर दिये बजट से लाभुक छात्रों का कल्याण नहीं हुआ, बल्कि आरोपित कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार व नाजिर महेश मंडल रातों-रात धनी हो गये. इन दोनों ने सरकारी राशि को निजी संपत्ति की तरह प्रयोग कर सृजन समिति के खाते में बजट जमा करवाया. संबंधित छात्रवृत्ति के बजट के सृजन समिति में जाने से छात्र लाभ लेने से वंचित रह गये.
यह थी जांच रिपोर्ट
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण के निदेशक(प्रभार) अपूर्व कुमार मधुकर की जांच रिपोर्ट के मुताबिक, कल्याण पदाधिकारी अरुण कुमार व नाजिर महेश मंडल के गिरफ्तार हो जाने के कारण अभी पूरी तरह से जांच नहीं हो सकी है. इस कारण वर्ष 2014-15, 15-16 व 16-17 के दिये बजट की जांच हो सकी है. कई रिकार्ड अभी भी नाजिर के आलमारी में बंद है, जिसे तोड़वाकर बाहर निकाला जा रहा है. जांच रिपोर्ट में एडवाइस के रूप में जारी पत्र को भी फर्जी करार दिया है. जांच में पता चला कि नाजिर महेश मंडल सरकारी बजट की राशि को सृजन समिति में एडवाइस देकर जमा कर देता था. मगर उस एडवाइस का पत्र विभाग के इश्यू रजिस्टर में दर्ज नहीं करता था. यहां तक की एडवाइस पत्र पर जिला कल्याण पदाधिकारी का फर्जी साइन भी कर देता था.
बचत खाता के बदले खुलवाया चालू खाता
आठ नवंबर 2016 को पीएनबी, बरारी शाखा से बैंक आॅफ बड़ौदा में खाता खुलवाया गया.
बैंक ऑफ बड़ौदा के घंटाघर शाखा में बचत खाता के बदले चालू खाता खुलवाया गया. इस खाता में पीएनबी से जारी छह करोड़ रुपये का चेक लगाया गया. सरकारी नियम के तहत चालू खाता खोलने पर पाबंदी थी. इस कारण चालू खाता में रुपये रहने से राशि पर ब्याज नहीं मिला. इस तरह ब्याज का भी नुकसान हुआ.
यह है छात्रवृति मद का बजट, जो डकार लिया
पिछड़ी जाति विद्यालय छात्रवृत्ति के तीन अलग-अलग बजट के रूप में 11 करोड़ 56 लाख 99 हजार 200 रुपये.
अनुसूचित जाति विद्यालय छात्रवृत्ति, मुसहर जाति छात्रवृति, प्रवेशिकोत्तर छात्रवृत्ति, जनजाति महाविद्यालय छात्रवृत्ति को लेकर आये 16 करोड़ 40 लाख 75 हजार 800 रुपये.
पिछड़ी जाति विद्यालय छात्रवृत्ति व प्राक परीक्षा प्रशिक्षण को लेकर 20 करोड़ सात लाख 48 हजार.
अनुसूचित जाति विद्यालय छात्रवृत्ति को लेकर 21 करोड़ 29 लाख 98 हजार 800 रुपये.
पिछड़ी जाति प्राथमिक व मध्य विद्यालय छात्रवृत्ति(2014-15) में 1 करोड़ 47 लाख 99 हजार 600 रुपये.
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