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कोसी के बाद अब गंगा भी उफनायी

भागलपुर : कोसी बराज से पानी का डिस्चार्ज कम हुआ है, लेकिन लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है. सोमवार को कोसी बराज से एक लाख 69 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है. दूसरी तरफ गंगा का जलस्तर बढ़ने से फिर परेशानी बढ़ गयी है. कहलगांव में गंगा का जलस्तर प्रति आठ घंटे […]

भागलपुर : कोसी बराज से पानी का डिस्चार्ज कम हुआ है, लेकिन लोगों की परेशानी कम नहीं हुई है. सोमवार को कोसी बराज से एक लाख 69 हजार क्यूसेक पानी का डिस्चार्ज किया गया है. दूसरी तरफ गंगा का जलस्तर बढ़ने से फिर परेशानी बढ़ गयी है. कहलगांव में गंगा का जलस्तर प्रति आठ घंटे में एक सेमी की रफ्तार से बढ़ रहा है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सोमवार शाम 6 बजे तक जलस्तर 31.050 मीटर पर पहुंच गया है, जो खतरे के निशान से चार सेंटीमीटर नीचे है. गंगा में खतरे का निशान 31.090 मीटर है. बटेश्वर में गंगा का

कोसी के बाद…
जलस्तर 29.62 मीटर दर्ज किया गया है. गंगा को छोड़ अन्य नदियों का जलस्तर तो घटा है, लेकिन पीड़ितों का घर अब भी डूबा हुआ है. दूरसंचार नेटवर्क के ध्वस्त हो जाने से एक परेशानी अलग से उत्पन्न हो गयी. पीड़ित अपने परिजनों से संपर्क नहीं कर पा रहे हैं. सोमवार को बाढ़ के पानी में डूबने से चार लोगों की मौत हो गयी. सुपौल में एक, मधेपुरा में एक व पूर्णिया जिले में एक व्यक्ति के डूबने की सूचना है. कोसी व सीमांचल का इलाका कई नदियों से घिरा है. एक नदी का पानी घटता है, तो दूसरी नदी का पानी बढ़ जाता है. सहरसा में कोसी का जलस्तर घटने के बाद कटाव तेज हो गया है. नवहट्टा प्रखंड की केदली पंचायत में तीन दिनों के अंदर दो दर्जन से अधिक घर नदी में विलीन हो गये, जबकि पांच दर्जन से अधिक परिवारों को विस्थापित करने को नदी बेताब दिख रही है.
सुपौल जिले में हजारों लोग ऊंचे स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. पानी घट रहा है, लेकिन लोग अभी घर वापस नहीं जाना चाह रहे हैं. पता नहीं कब जलस्तर फिर बढ़ जाये. कुछ लोग लौट भी रहे हैं, तो अपना आशियाना देख उम्मीदें टूट रही हैं. आशियाना जमींदोज हो गया है. लिहाजा सड़क किनारे रात गुजराना अब मजबूरी बन गयी है.
पूर्णया के बी कोठी प्रखंड स्थित लत्तराहा पंचायत के बंगठीधार में एक 18 वर्षीय लड़का डूब गया. जब तक लोग उसे बचाते उसकी मौत हो गयी.
कटिहार में महानंदा का पानी घट रहा है. दूसरी तरफ गंगा का जलस्तर बढ़ने से मनिहारी व अमदाबाद प्रखंड के कई गांव जलमग्न हो गये हैं. अमदाबाद प्रखंड में बाढ़ के पानी में डूबने से एक युवक की मौत हो गयी. पीड़ित फिर उसी दोराहे पर खड़े हो गये हैं. यहां समाहरणालय के सभाकक्ष विशेष आयुक्त सुधीर कुमार बाढ़ राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की. विशेष आयुक्त ने कहा, हर हाल में अंतिम व्यक्ति तक राहत का वितरण हो. यहा बड़ी संख्या में ऊंचे स्थानों, सड़क किनारे, रेल लाइन के किनारे व रेलवे प्लेटफॉार्म पर शरण लिये हुए हैं. पीड़ितों में प्रशासन के खिलाफ आक्रोश है. उनका कहना है सही ढंग से राहत वितरण नहीं हो रहा है.

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